रमेश पहाड़ी

रमेश पहाड़ी (Ramesh Pahadi) 

(माताः स्व. माहेश्वरी देवी, पिताः स्व. नारायण दत्त गैरोला)

जन्मतिथि : 22 अगस्त 1947 जन्म स्थान : ग्राम कैलब

पैतृक गाँव : कैलब जिला : चमोली

वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 4 पुत्रियाँ

शिक्षा : प्राथमिक शिक्षा- 3 तक हरिशंकर स्कूल कैलब में

3 से 7 तक- दिल्ली के पचकुईयां सरकारी स्कूल में

8वीं- गोपेश्वर, गीता स्वामी स्कूल से

10वीं- जवाहर नाईट कालेज, नागपुर (प्राइवेट)

प्री- यूनीवर्सिटी तथा बी.ए. नागपुर वि.वि. से

1971 में नव भारत (नागपुर) से जुड़ा।

जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः शिक्षा के बाद बच्चों को लेने गाँव आया तो परिवार ने बहू को नागपुर ले जाने की स्वीकृति नहीं दी। यहीं जम गया। पहले ‘देवभूमि’ फिर ‘उत्तराखण्ड आब्जर्वर में सहायक संपादक रहकर ‘अनिकेत’ का प्रारम्भ किया। 1975 में श्री चण्डी प्रसाद भट्ट के सम्पर्क में आने से जीवन की दिशा ही बदल गई।

प्रमुख उपलब्धियाँ : फरवरी 72 से अक्टूबर 74 तक ‘देवभूमि’ साप्ताहिक का सह संपादक तथा प्रबन्धक। नवम्बर 74 से ‘उत्तराखण्ड आब्जर्वर’ में प्रबन्धक और फिर सह संपादक। ‘अनिकेत’ का सम्पादन तथा प्रकाशन। इसे सितम्बर 2003 में 25 साल पूरे हो रहे हैं। ‘चिपको आन्दोलन’ में सक्रिय हिस्सेदारी। डुंगरी-पैंतोली पहुँचने वाले पहले चिपको कार्यकर्ता और पत्रकार। दशौली ग्राम स्वराज्य मण्डल के लोक सूचना केन्द्र के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों का गहन सर्वेक्षण और अध्ययन। 1988 में स्थापित उमेश डोभाल पत्रकार संघर्ष समिति के संयोजक। 1986-87 में जल निगम की विश्व बैंक परियोजनाओं पर सवाल किया क्योंकि करोड़ों रुपये खर्च करके भी पानी नहीं आया था। इसी तरह अन्य मुद्दे उठाकर स्थानीय पत्रकारिता को नया अर्थ दिया। उत्तराखण्ड संघर्ष वाहिनी के संस्थापक सदस्य। ‘अनिकेत’ को संघर्ष वाहिनी का मुखपत्र बनाया था।

युवाओं के नाम संदेशः समाज के लिए काम करो। वर्तमान शिक्षा पर नये सिरे से सोचो। अपने समाज के तथा वर्तमान व्यवस्था के अन्तर्विरोधों को समझो। स्थानीय संसाधनों की हिफाजत कर अपने परिवेश से जुड़ने का और आत्मनिर्भरता का रास्ता बनाओ। कोई और आपका भाग्य बदलने नहीं आने वाला है।

विशेषज्ञता : पत्रकारिता, संपादन, प्रबन्धन।

नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।

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