आज यो मेरी सुणो पुकारा, धात लगुंछो आज हिमाला

आज जब हर तरफ लोग ग्लोबल वार्मिग की बात कर रहे हैं, वन बचाओ की बातें की जा रही हैं, हिमालय बचाओ का नारा लगाया जा रहा है वहीं गोपाल बाबू गोस्वामी ने बहुत पहले ही अपने एक गाने के माध्यम से इस संदेश को देने की कोशिश की है। अपने इस गाने में उन्होने हिमालय, पशु-पक्षी, पेड़ों द्वारा लगायी जा रही आभासी आवाजों के माध्यम से पर्यायवरण असंतुलन का एक चित्र प्रस्तुत किया है।

भावार्थ : आज आकाश-धरती तड्प रहे है, हिमालय झुलस गया है, जंगल जल रहे हैं, ऐसे में हिमालय आवाज लगा रहा है, जरा ध्यान से इस आवाज को सुनो,सुन लो मेरी भी पुकार। आज हिमालय समाप्त हो रहा है, कैलास पर्वत गल रहा है, बच्चो तुम ध्यान लगाकर सुन लो, हिमालय की यह दर्द भरी आवाज। पशु-पक्षी सब रो रोकर करुण स्वर में पुकार रहे हैं..ना उजाड़ो इन जंगलो को, हमारे इन घरों को, सुन लो…सुन लो..यह दर्द भरी आवाज। जंगल में जानवर अनाथ हो रहे हैं, जंगल काटने वाले कसाईयों के हाथ में कुलहाड़ी देखकर पक्षी थर थर काँप रहे हैं….बांज का पेड़ हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहा है कि हमारी कोख मत उजाड़ो, सुन लो…सुन लो..यह दर्द भरी आवाज। आज गंगा सूख रही है, छोटे छोटे नदी नाले सूख रहे हैं… इस सब से बचना है तो पेड़ लगाओ, बाग लगाओ, जंगलो का विनाश रोको, मेरी यह सीख सुन लो.. मैं तुम्हे आवाज दे रहा हूँ। इन पेड़ों में भगवान बसे हुए हैं, इनमें अल्लाह का वास है, इन जड़ी बूटियों में हमारे प्राण बसे हुए हैं, कृपा कर इस पृथ्वी का ..इस कृषि का विनाश ना करो ..हे शिव अपना तीसरा नेत्र खोलो..।आज हिमालय आवाज लगा रहा है, जरा ध्यान से इस आवाज को सुन लो और पृथ्वी को विनाश से बचा लो।

गीत के बोल देवनागिरी में

धरती प्यासी तड़प रही है, तड़प रहा आकाश, झुलस गया है आज हिमालय, वन में लागी आग
आज यो मेरी सुणो पुकारा, आज यो मेरी सुणो पुकारा, धात लगुंछो आज हिमाला
आज यो मेरी सुणो पुकारा, धात लगुंछो आज गोपाला
आज यो मेरी सुणो पुकारा, धात लगुंछो आज हिमाला

पाटण आज लैगो आज हिमाला, पाटण आज लैगो आज हिमाला
जलण भैगो आज कैलासा,
पाटण आज लैगो आज हिमाला, जलण भैगो आज कैलासा
आज यो मेरी सुणो पुकारा, धात लगुंछो आज हिमाला
आज यो मेरी सुणो पुकारा, धात लगुंछो आज हिमाला

जागो रे जागो बाल-गोपाला, जागो रे जागो बाल-गोपाला
धात लगुंछो आज हिमाला
जागो रे जागो बाल-गोपाला,धात लगुंछो आज हिमाला
आज यो मेरी सुणो पुकारा, धात लगुंछो आज हिमाला
आज यो मेरी सुणो पुकारा, धात लगुंछो आज हिमाला

चाड़ पोथीला पड़ी के डाड़ा, पशु पक्ष्यूं की पड़ी के डाड़ा
आज जंगवा देखी उजाड़ा
चाड़ पोथीला पड़ी के डाड़ा, आज जंगवा देखी उजाड़ा
आज यो मेरी सुणो पुकारा, धात लगुंछो आज गोपाला
आज यो मेरी सुणो पुकारा, धात लगुंछो आज हिमाला

हिरन का कल्ज घुरड़ फाड़ा, हिरन का कल्ज घुरड़ फाड़ा
पशु हमारा हैगईं अनाथा
हिरन का कल्ज घुरड़ फाड़ा,पशु हमारा हैगईं अनाथा
आज यो मेरी सुणो पुकारा, धात लगुंछो आज हिमाला
आज यो मेरी सुणो पुकारा, धात लगुंछो आज हिमाला

थर थर काँपी कवे की गाई,थर थर काँपी कवे की गाई
कुल्हाड़ देखी हाथों कसाई
थर थर काँपी कवे की गाई, कुल्हाड़ देखी हाथों कसाई
बाँज की डाई जोड़ी छ हाथ, लाल ना करो हमरी कोख
आज यो मेरी सुणो पुकारा, धात लगुंछो आज गोपाला
आज यो मेरी सुणो पुकारा, धात लगुंछो आज हिमाला

सुखी गईं यो गंगा गधेरा, सुखी गईं यो गंगा गधेरा
हे मेरा रामा कैसी यो माया
सुखी गई यो गाड़ गधेरा, हे मेरा रामा कैसी यो माया
पेड़ लगाओ लगाओ बागा, पेड़ लगाओ लगाओ बागा, रोको रे रोको  जंगलू लूटा
आज यो मेरी सुणो पुकारा, धात लगुंछो आज गोपाला
आज यो मेरी सुणो पुकारा, धात लगुंछो आज हिमाला

डाई-बोट्यू में देवो का वासा,डाई-बोट्यू में अल्ला का वासा, जड़ी बूट्यूँ में हमारा प्राण
डाई-बोट्यू में देवो का वासा,डाई-बोट्यू में अल्ला का वासा
ना करो भुलो प्रथी को नाशा,ना करो तुम कृषी को नाशा, खोलो ना शिव तीसरी आँखा
आज यो मेरी सुणो पुकारा, धात लगुंछो आज हिमाला
आज यो मेरी सुणो पुकारा, धात लगुंछो आज हिमाला

गीत : [audio:aaj-meri-sun-lo-pukaara-gopal-babu-goswami.mp3]

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Lyrics of the song “Aaj Meri Sun Lo Pukaara”

dharati pyasi tadap rahi hai, tadap raha aakash, jhulas gaya hai aaj himalay, van men lagi aag
aaj yo meri suno pukara, aaj yo meri suno pukara, dhat lagunchho aaj himala
aaj yo meri suno pukara, dhat lagunchho aaj gopala
aaj yo meri suno pukara, dhat lagunchho aaj himala

patan aaj laigo aaj himala, patan aaj laigo aaj himala
jalan bhaigo aaj kailasa,
patan aaj laigo aaj himala, jalan bhaigo aaj kailasa
aaj yo meri suno pukara, dhat lagunchho aaj himala
aaj yo meri suno pukara, dhat lagunchho aaj himala

jago re jago bal-gopala, jago re jago bal-gopala
dhat lagunchho aaj himala
jago re jago bal-gopala,dhat lagunchho aaj himala
aaj yo meri suno pukara, dhat lagunchho aaj himala
aaj yo meri suno pukara, dhat lagunchho aaj himala

chad pothila padi ke dada, pashu pakshyoon kee padi ke dada
aaj jangava dekhi ujada
chad pothila padi ke dada, aaj jangava dekhi ujada
aaj yo meri suno pukara, dhat lagunchho aaj gopala
aaj yo meri suno pukara, dhat lagunchho aaj himala

hiran ka kalj ghurad fada, hiran ka kalj ghurad fada
pashu hamara haigaeen anatha
hiran ka kalj ghurad fada,pashu hamara haigaeen anatha
aaj yo meri suno pukara, dhat lagunchho aaj himala
aaj yo meri suno pukara, dhat lagunchho aaj himala

thar thar kanpi kave kee gaee,thar thar kanpi kave kee gaee
kulhad dekhi hathon kasaee
thar thar kanpi kave kee gaee, kulhad dekhi hathon kasaee
banj kee daee jodi chh hath, lal na karo hamari kokh
aaj yo meri suno pukara, dhat lagunchho aaj gopala
aaj yo meri suno pukara, dhat lagunchho aaj himala

sukhi gaeen yo ganga gadhera, sukhi gaeen yo ganga gadhera
he mera rama kaisi yo maya
sukhi gaee yo gad gadhera, he mera rama kaisi yo maya
ped lagao lagao baga, ped lagao lagao baga, roko re roko jangaloo loota
aaj yo meri suno pukara, dhat lagunchho aaj gopala
aaj yo meri suno pukara, dhat lagunchho aaj himala

dai botyoo men devo kaa wasa,dai botyoo men allah kaa wasa, jadi bootyoon men hamara pran
dai botyoo men devo kaa wasa,dai botyoo men allah kaa wasa
na karo bhulo prathi ko nasha,na karo bhulo prathi ko nasha, kholo na shiv tisari aankha
aaj yo meri suno pukara, dhat lagunchho aaj himala
aaj yo meri suno pukara, dhat lagunchho aaj himala

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3 Thoughts to “आज यो मेरी सुणो पुकारा, धात लगुंछो आज हिमाला”

  1. गोपाल दा की यही दूरगामी सोच और उत्तराखण्ड से जुड़ी हर चीज पर सोचने और उसे अपने गीतों के माध्यम से व्यक्त करने का अंदाज ही उन्हें अन्य लोक गायकों से अलग पंक्ति में खड़ा कर देता है। वह पंक्ति भी ऐसी जिस पंक्ति पर गोपाल दा अकेले ही खड़े थे और शायद रहेंगे भी।

  2. hema

    every song sir gopal babu goswami is unique and beautiful.the new generation shud learn 4m them

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