अतुल सकलानी

गढ़वाल वि.वि. के संग्रहालय के विकास में सहयोग, उत्तराखण्ड के इतिहास के विविध आयामों पर कुछेक शोध पत्र तथा पुस्तकें प्रकाशित। 16 शोधार्थियों का शोध निदेशन, कुछ फिल्मों के स्क्रिप्ट का लेखन। डिजिटल डाक्यूमेंटेशन लैबोरेटरी की स्थापना। अनेक गाँवों का सामाजिक, आर्थिक सर्वेक्षण। उत्तराखण्ड आन्दोलन में हिस्सेदारी। सम्प्रति- गढ़वाल वि.वि. में इतिहास के प्रोफेसर।

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उनीता सच्चिदानन्दन

1983 में सी.डी.आर.आई. में वैज्ञानिक बी. की नौकरी। मारुति उद्योग में द्विभाषी के तौर पर 1983-86 तक कार्य। 1986 से अब तक दिल्ली विश्वविद्यालय में जापानी भाषा एवं साहित्य में प्राध्यापिका। 1990-92तक जापान सरकार से छात्रवृत्ति पर शोध अध्ययन। 1999 में जापान फाउण्डेशन फैलोशिप के अन्तर्गत महिला साहित्य पर शोध। दो दर्जन शोध लेख विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित। 15 पुस्तकों का जापानी से हिन्दी में अनुवाद।

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हिमानी शिवपुरी

एन.एस.डी. रंगमंडल में 11 साल कार्य; मित्रो मरजानी, साइलेंस द कोर्ट इज इन सेशन, द चेरी आचर्ड, अचदर का ख्वाब, सूर्य की अंतिम किरण से पहली तक जैसे 150 से अधिक नाटकों में अभिनय किया; हमराही, हशरतें, एक कहानी, अरुन्धती, डालरबदू, क्योंकि सास भी कभी बहू थी, कसौटी आदि 100 सीरियलों और हम आपके हैं कौन, हम साथ-साथ हैं, दिलवाले दुलहनियाँ ले जायेंगे, प्रेमग्रन्थ, हीरो नम्बर वन, बीबी नम्बर वन, दिलजले, परदेश, कभी खुशी, कभी गम, मुझे कुछ कहना है, बन्धन, कुछ-कुछ होता आदि लगभग 80 फिल्मों में अब तक अभिनय किया.

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श्याम चन्द्र शाह

इलाहाबाद विश्वविद्यालय का अंतर-विश्वविद्यालय क्रिकेट प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व। सेवानिवृत्त होकर धावक बना और दिल्ली प्रदेश एथेलेटिक्स में चार स्वर्ण पदक। दिल्ली का राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व|

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रमेश चंद्र शाह

पांच कविता संग्रह, छः उपन्यास, चार कहानी संग्रह, छः निबंध संग्रह एवं सात अलोचना पुस्तकों समेत लगभग चालीस ग्रंथ प्रकाशित। अंग्रेजी में भी तीन ग्रंथ प्रकाशित।म.प्र. संस्कृति विभाग का शिखर सम्मान, भारतीय भाषा परिषद, कलकत्ता तथा म.प्र. साहित्य परिषद द्वारा सम्मानित, उ.प्र. हिन्दी संस्थान से महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार तथा ‘व्यास सम्मान’ से विभूषित। भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद के तत्वावधान में तीन यूरोपीय देशों की यात्राएं व काव्य पाठ किए, टेमेनोस अकादमी, लंदन द्वारा व्याख्यान हेतु आमंत्रित। भोपाल स्थित निराला सृजनपीठ के निदेशक पद पर 1997 से 2000 तक कार्य किया।

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बीना शाह

रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के बाद शिक्षाशास्त्र विभाग को मानव संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज इन एजुकेशन (आइ.ए.एस.ई.) के रूप में उच्चीकृत किया और इसके निदेशक के पद पर कार्य किया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा आइ.ए.एस.ई. को समग्र संस्थान की मान्यता दिलवाई। रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय की उपकुलपति तथा कुलपति पद पर रही। संप्रति इन्दिरा गांधी मुक्त विवि में कार्यरत। अनेक अकादमिक एवं प्रशासनिक समितियों की सदस्य। 9 पुस्तकों तथा 100 से अधिक शोधपत्रों का प्रकाशन। अनेक देशों की यात्रा। अनेक सरकारी व गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित।

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जय कृष्ण शाह

पेरिस में अक्टूबर 2002 में अन्तर्राष्ट्रीय ज्योतिष संगोष्ठी में भाग लिया। नव भारत टाइम्स में 1989 से पत्रकार के तौर पर नियुक्त।

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