मुनिराम सकलानी ‘मुनीद्र’

अब तक विविध विषयों में पाँच मौलिक पुस्तकें लिखीं एवं अनुदित की।नगर राजभाषा कार्यान्वयन पुरस्कार तथा केन्द्रीय सचिवालय हिन्दी परिषद पुरस्कार प्राप्त किए। उत्तराखण्ड शोध संस्थान द्वारा 1999 में ‘साहित्य एवं पत्रकारिता’ के लिए सम्मानित। अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित।

Read More

उनीता सच्चिदानन्दन

1983 में सी.डी.आर.आई. में वैज्ञानिक बी. की नौकरी। मारुति उद्योग में द्विभाषी के तौर पर 1983-86 तक कार्य। 1986 से अब तक दिल्ली विश्वविद्यालय में जापानी भाषा एवं साहित्य में प्राध्यापिका। 1990-92तक जापान सरकार से छात्रवृत्ति पर शोध अध्ययन। 1999 में जापान फाउण्डेशन फैलोशिप के अन्तर्गत महिला साहित्य पर शोध। दो दर्जन शोध लेख विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित। 15 पुस्तकों का जापानी से हिन्दी में अनुवाद।

Read More

गिरिराज शाह

1962 में राज्य पुलिस सेवा में सम्मिलित होकर 1974 में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में प्रवेश किया। उत्तर प्रदेश में अनेक पदों पर सेवा करते हुए 1998 में पुलिस महानिरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त। सेवा के दौरान अत्यन्त संवेदनशील एवं सतर्कता की दृष्टि से प्रमुख स्थानों पर निष्ठा व ईमानदारी का परिचय देते हुए पुलिस बल के लिए आदर्श प्रस्तुत किए। 1990 के दौरान बिजनौर व आगरा में दंगाग्रस्त क्षेत्रों की कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियमित तौर पर चलाया।अनेक पुरस्कार व सम्मान प्राप्त किए। उत्तराखण्ड शोध संस्थान के संस्थापकों में एक। ट्रैकिंग तथा पर्वतारोहण में विशेष रुचि। लगभग 14 पुस्तकें प्रकाशित।

Read More

लीलाधर शर्मा ‘पर्वतीय’

स्वतंत्रता संग्राम में लाल बहादुर शास्त्री के सहकर्मी।चार वर्ष से अधिक की दो जेल यात्राएं कीं। 1945 में जेल से छूटने के बाद पत्रकारिता में प्रवेश, दो पत्रों का संपादन, 300 से अधिक लेखों की रचना। अनेक पुरस्कृत पुस्तकों का लेखन व संपादन। हिन्दी समिति के वर्षों तक सचिव। प्रदेश व केन्द्र सरकार की पाठ्य पुस्तकों का लेखन व संपादन। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व उ.प्र. सरकार द्वारा विभिन्न सेवाओं के लिए सम्मानित। 1979 में उ.प्र. के सूचना विभाग में उपनिदेशक के पद से सेवा निवृत्त। अब भी लेखन व सामाजिक कार्यों में सलग्न।

Read More

गंगा प्रसाद विमल

तीन दर्जन के करीब पुस्तकें छपीं। देश में रहकर अनेक विदेशी कृतियों का अनुवाद किया। अनेक देशों में वहां के विश्वविद्यालयों में व्याख्यान दिए। देश-विदेश के अनेक साहित्य सम्मेलनों में हिस्सेदारी। देश-विदेश की अनेक पत्र-पत्रिकाओं के संपादक मंडल के सदस्य। बल्गारिया का यावरोव सम्मान, इटली के कला विश्वविद्यालय का सम्मान, पोयट्री पीपुल सम्मान तथा केरल का कुमारन आशान सम्मान से अलंकृत।

Read More

यमुना दत्त वैष्णव ‘अशोक’

मई 1926 में कक्षा 4 में वजीफे का इम्तहान देने हेतु 28 मील की पैदल यात्रा के बाद इम्तहान उत्तीर्ण कर मिडिल कक्षाओं के लिए वजीफा प्राप्त किया। इंटर के बाद कुमाऊं सेंटिनरी छात्रवृत्ति सहित बी.एससी. (आनर्स) किया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय स्वर्ण जयन्ती गल्प प्रतियोगिता में प्रथम स्थान।इतिहास, संस्कृति, भाषा विज्ञान आदि क्षेत्रों में अनेक पुस्तकों का सृजन।

Read More

कीर्तिबल्लभ शक्टा

साहित्य साधना संस्कृत, हिन्दी। हिन्दी व संस्कृत में अनेक पुस्तकें प्रकाशित व प्रकाशनाधीन। संस्कृत लघुकथाओं व लघु नाटकों के संकलन पर संस्कृत अकादमी, दिल्ली द्वारा पुरस्कृत।

Read More