धरती हमरा गढ़वाल की

नरेन्द्र सिंह नेगी जी ने बहुत से ऐसे गाने गाये हैं जो कालजयी हैं, उनको कभी भी सुन लो वो उतने ही प्यारे व मधुर लगते हैं जितने पहली बार सुनने में लगे थे। ऐसा ही एक गाना है “धरती हमरा गढ़वाल की“। इस गाने में उत्तराखंड के एक प्रमुख हिस्से गढ़वाल का जिक्र है और यह भी बताया गया है कि गढ़वाल क्यों इतना महान है। यह गीत ऐलबम “नयु-नयु ब्यो” से लिया गया है इसके ऑडियो व वी.सी.डी. टी.सीरिज पर उपलब्ध हैं।

भावार्थ : हमारे गढ़वाल की धरती कितनी सुन्दर व प्यारी है। सचमुच बहुत ही सुन्दर है यह भूमि। यहाँ पांच बदरीनाथ*, पांच केदार* और पंच प्रयाग* हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि पांचों पांडव भी यहां आये थे। यहाँ पर कई प्रसिद्ध कुंड, प्रसिद्ध ताल और प्रसिद्ध मठ हैं। यहाँ नीचे सैकड़ों घाटियां और ऊपर की ओर फूलों की घाटी है। गंगा जमुना जैसी पवित्र नदियां, जो सभी की भूख-प्यास मिटाती हैं, वह भी इसी धरती से निकलती हैं। यह गढ़वाल की धरती कितनी प्यारी और सुन्दर है। यहाँ कितने छोटे-बड़े पहाड़ व पहाडियां है जिनमें नाना प्रकार की जड़ी बूटियां पैदा होती हैं, यह वास्तव में देवताओं की धरती है जिसमें मनुष्य बसते हैं, अनेक तरह के वृक्ष जैसे देवदार, बुरांश,बांज,चीड़, पैंया यहाँ हैं, लगता है यह सब देवताओं ने ही लगायें हैं और हम मनुष्य उन्हें पाल रहे हैं। यहाँ देवता और मनुष्यों के बीच का अंतर एक कांसे की थाली व ढोलक की थाप से मिटा दिया जाता है**। यहाँ की नारियां पतिव्रता हैं और अनेक कार्यों में प्रवीण हैं, यहाँ तीलू रौतेली जैसी वीरांगना और रामी बौराणी जैसी महान पतिव्रता नारी हैं। यहाँ भाडों द्वारा बजाये गये पहाड़ी वाद्यों को सुनो, देखो यह वीरों का गढ़ है। आओ यहाँ नरसिंह व नागराजा देवताओं का नाच व पांडवों का युद्ध कौशल देखो। देखो हमारा गढ़वाल की धरती कितनी सुन्दर व प्यारी है।

गीत के बोल देवनागिरी में

धरती  हमरा  गढ़वाल  की,धरती  हमरा  गढ़वाल  की,
कथगा रौंतेली स्वाणी  चा,कथगा रौंतेली स्वाणी  चा
धरती  हमरा  गढ़वाल  की,धरती  हमरा  गढ़वाल  की (कोरस)
कथगा रौंतेली स्वाणी  चा,कथगा रौंतेली स्वाणी  चा (कोरस)
हो……कथगा रौंतेली स्वाणी  चा, हो …
हो….कथगा रौंतेली स्वाणी  चा, हा …कथगा रौंतेली स्वाणी  चा (कोरस)

हमारे यहां कोई भी शुभ कार्य हो, फ़ाग गाना अनिवार्य है। शादी – ब्याह हो, जनेऊ संस्कार हो, नामकरण अथवा पूजा हर अवसर पर फ़ाग गाये जाते हैं और हर अवसर के लिये फ़ाग के बोल अलग-२ होते हैं।  फ़ाग महिलाओं द्वारा कोरस में गाये जाते है।  फ़गारियौं (फ़ाग गाने वाली महिलायें) का समाज में खूब सम्मान होता है। आगे पढें..

पांच  बदरी, पांच  केदार, पांच  प्रयाग  एखी  छन, पांच  प्रयाग  एखी  छन
पांच  प्रयाग  एखी  छन,पांच  प्रयाग  एखी  छन (कोरस)
पांच  पंडोव ऐनी  एखी, भाग  हमरा  धन  धन, भाग  हमरा  धन  धन
भाग  हमरा  धन  धन्, भाग  हमरा  धन  धन् (कोरस)
कुण्ड  छीन, इक  ताल  छीन, मठ  यखे   महान  छीन
मठ  यखे   महान  छीन,मठ  यखे   महान  छीन
ताल   सहस्त्र   घाटी, फुलु  की  असमान  छीन
हो……गंगा  जमुना, एखी  बटी   सभु  की, भूख  तीस  बुझाणी  चा
हो… कथगा रौंतेली स्वाणी  चा
धरती  हमरा  गढ़वाल  की,कथगा रौंतेली स्वाणी  चा, (कोरस)
हो….कथगा रौंतेली स्वाणी  चा, हा …कथगा रौंतेली स्वाणी  चा (कोरस)

डांडी  कांठीयों का  देखा, लैन्जा  लग्यान,लैंजा  लग्यान
लैंजा  लग्यान, लैंजा  लग्यान (कोरस)
देवतों   की  धरती  मा, मनखी  बस्यान, मनखी  बस्यान
मनखी  बस्यान, मनखी  बस्यान (कोरस)
देवदार   बुरांश  बाँझा, कुलीन  पय्या   डाली
देब्तों  रोपी, मन्ख्युन  पाली
हो ……..भेद  देव -देवता   मनखी  को डोंरु – थाली  मिटाणी  चा
धरती  हमरा  गढ़वाल  की,कथगा रौंतेली स्वाणी  चा, (कोरस)
हो….कथगा रौंतेली स्वाणी  चा, हा …कथगा रौंतेली स्वाणी  चा (कोरस)

पति व्रता   नारी   एख, बांध   कीसाण  छीन, बांध  कीसाण   छीन
बांध   कीसाण  छीन, बांध  कीसाण   छीन (कोरस)
तीलू  रौतेली  एख, रामी  बौराण  छीन, रामी  बौराण  छीन
रामी  बौराण  छीन, रामी  बौराण  छीन (कोरस)
भांडू का पवड़ा  सुणा, बीरू  का  देखा  गढ़
बीरू  का  देखा  गढ़,बीरू  का  देखा  गढ़

नरसिंह,नागराजा, पंडों  का  देखा  रण
हो… तुम  ते  लाकुड, दमो, ढोलकी.. धै  लगे  की, भटियाणी   च, कथगा रौंतेली स्वाणी  चा

Renu-Rawat इस गीत का भावार्थ हमारी सदस्य सुश्री रेनू रावत के सौजन्य से।

धरती  हमरा  गढ़वाल  की,धरती  हमरा  गढ़वाल  की
कथगा रौंतेली स्वाणी  चा,कथगा रौंतेली स्वाणी  चा (कोरस)
हो……कथगा रौंतेली स्वाणी  चा, हो …
हो….कथगा रौंतेली स्वाणी  चा, हा …कथगा रौंतेली स्वाणी  चा (कोरस)

*पंच बदरी : 1. बदरीनाथ (विशाल बदरी) 2. वृद्ध बदरी 3. भविष्य बदरी 4. आदि बदरी 5. योगध्यान बदरी।  पंच केदार : 1. केदारनाथ 2. रुद्रनाथ 3. कल्पेश्वर 4. मध्यमेश्वर 5.तुंगनाथ। पंच प्रयाग : 1. देवप्रयाग 2.रुद्रप्रयाग 3. कर्णप्रयाग 4. नन्दप्रयाग 5.विष्णुप्रयाग।

** उत्तराखंड में जागर लगाने के प्रथा है, जिसमें कांसे की थाली व ढोलक की थाप पर मनुष्यों के शरीर में देवताओं को अवतरित किया जाता है। जागर के लिये विस्तृत वर्णन यहाँ पर पढें।

गीत : [audio:dharti-hamra-garhwal-ki-narendra-singh-negi.mp3]

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Lyrics of the song “Dharti Hamri Garhwal Ki”

dharati hamara gadhaval kee,dharati hamara gadhaval kee,
kathaga raunteli svani cha,kathaga raunteli svani cha
dharati hamara gadhaval kee,dharati hamara gadhaval kee (Chorus)
kathaga raunteli svani cha,kathaga raunteli svani cha (Chorus)
ho……kathaga raunteli svani cha, ho …
ho….kathaga raunteli svani cha, ha …kathaga raunteli svani cha (Chorus)

panch badari, panch kedar, panch prayag ekhi chhan, panch prayag ekhi chhan
panch prayag ekhi chhan,panch prayag ekhi chhan (Chorus)
panch pandov aini ekhi, bhag hamara dhan dhan, bhag hamara dhan dhan
bhag hamara dhan dhan, bhag hamara dhan dhan (Chorus)
kund chhin, ik tal chhin, math yakhe mahan chhin
math yakhe mahan chhin,math yakhe mahan chhin
tal sahastr ghati, fulu kee asaman chhin
ho……ganga jamuna, ekhi bati sabhu kee, bhookh tis bujhani cha
ho… kathaga raunteli svani cha
dharati hamara gadhaval kee,kathaga raunteli svani cha, (Chorus)
ho….kathaga raunteli svani cha, ha …kathaga raunteli svani cha (Chorus)

dandi kanthiyon ka dekha, lainja lagyan,lainja lagyan
lainja lagyan, lainja lagyan (Chorus)
devaton kee dharati ma, manakhi basyan, manakhi basyan
manakhi basyan, manakhi basyan (Chorus)
devadar buransh banjha, kulin payya dali
debton ropi, mankhyun pali
ho ……..bhed dev -devata manakhi ko donru – thali mitani cha
dharati hamara gadhaval kee,kathaga raunteli svani cha, (Chorus)
ho….kathaga raunteli svani cha, ha …kathaga raunteli svani cha (Chorus)

pati vrata nari ekh, bandh keesan chhin, bandh keesan chhin
bandh keesan chhin, bandh keesan chhin (Chorus)
tiloo rauteli ekh, rami bauran chhin, rami bauran chhin
rami bauran chhin, rami bauran chhin (Chorus)
bhandoo ka pavada suna, biroo ka dekha gadh
biroo ka dekha gadh,biroo ka dekha gadh

narasinh,nagaraja, pandon ka dekha ran
ho… tum te lakud, damo, dholakee.. dhai lage kee, bhatiyani ch, kathaga raunteli svani cha

dharati hamara gadhaval kee,dharati hamara gadhaval kee
kathaga raunteli svani cha,kathaga raunteli svani cha (Chorus)
ho……kathaga raunteli svani cha, ho …
ho….kathaga raunteli svani cha, ha …kathaga raunteli svani cha (Chorus)

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Album : Nayi Nayi Byo Chho, Audio-Video : T.Series

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धरती हमरा गढ़वाल की

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2 Thoughts to “धरती हमरा गढ़वाल की”

  1. mahabir singh rawat

    mam this was nice song lyrics .. which u saved here .. it was nice for me .. since i love my uttranchal a lot

  2. Uttrakhand dhrti chha garhwal ki, dhrti chha devi-devtaon ki, dharti chha veer mahan purshon ki..

    Meru uttrakhand mahan chha…mai tay uttrakhand par garv chha or uttrakhandi hon par or v garv chha.

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