दुर्गा चरण (डी.सी.) काला

दुर्गा चरण (डी.सी.) काला (Durga Charan (D.C.) Kala)

(माताः स्व. लीला काला, पिताः स्व. गोविन्द राम काला)

जन्मतिथि : 2 जुलाई 1921

जन्म स्थान : नैनीताल

पैतृक गाँव : सुमाड़ी (श्रीनगर) जिला : गढ़वाल

वैवाहिक स्थिति : अविवाहित

शिक्षा : एम.ए.

कक्षा 3 से 5 तक- मैस्मोर हाईस्कूल पौड़ी, मिशन स्कूल रानीखेत तथा रा.इ.का. अल्मोड़ा।

6 से 9 तक- रा. हाईस्कूल पिथौरागढ़

हाईस्कूल- रा.इ.का. अल्मोड़ा

इण्टर- इविंग क्रिश्चियन कालेज, इलाहाबाद

बी.ए.- इलाहाबाद विश्वविद्यालय

एम.ए. (भूगोल)- अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय

जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः पिता सरकारी सेवा में थे। मेरी सोच थी कि विरोध में जायेंगे। पत्रकारिता में यह सम्भावना दिखी। अतः 1944 में शिक्षण के स्थान पर पत्रकारिता में जाने का निर्णय।

प्रमुख उपलब्धियां : 1945 में पहले लेख इलाहाबाद के ‘लीडर’ तथा ‘अमृत बाजार पत्रिका’ में प्रकाशित। शीघ्र ही ‘लीडर’ में नियुक्ति। 5 साल वहीं रहे। फिर ‘हिन्दुस्तान स्टैण्डर्ड’ दिल्ली में आया। 4-5 साल इस पत्र में रहे। फिर दिल्ली में ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ सब एडीटर बने। दुर्गा दास, मुलगाँवकर, वर्गीज तथा अजित भट्टाचार्जी आदि सम्पादकों के साथ कार्य किया। बाद में न्यूज एडीटर बनाया गया। आपातकाल नहीं भाया और उसी तनाव में 1978 में पत्र से इस्तीफा दे दिया। जिम कार्बेट पर उनकी मशहूर किताब ‘कार्बेट ऑव कुमाऊँ’ प्रकाशित। शिकारी- घुमक्कड़ विल्सन पर किताब प्रकाशनाधीन।

युवाओं के नाम संदेशः ऊँचा जीवन जियो। अतः ऊँचे लक्ष्य रखो।

विशेषज्ञता : पत्रकारिता, लेखन, वन्य जीवन।

 

नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है.

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