इखमां छुईं, उखमां छुईं, जखमां देख, तखमां छुई

मानव जीवन में कई तरह की परेशानियां होती हैं लेकिन इस गाने के नायक की परेशानी नारी स्वभाव से जुड़ी एक सामान्य आदत है और वह आदत बकबक बोलने की… नरेन्द्र सिंह नेगी जी के इस व्यंगात्मक गाने में एक ऐसे आदमी का चित्रण किया है जो अपनी पत्नी की छुंयाल (बातूनी) आदत से त्रस्त है। उस आदमी का दर्द फूट-फूट कर सामने आ रहा है .. गाना सुनकर समझ में आता है कि वास्तव में उसकी पत्नी की बतकही की आदत वाचालता की हद तक जा पहुंची है। यह गीत अनिल बिष्ट द्वारा निर्देशित वी.सी.डी. “छुंयाल” से लिया गया है और यह रामा कैसेट्स पर उपलब्ध है।

भावार्थ : पत्नी की बातूनी आदतों से परेशान पति अपनी व्यथा कुछ इस तरह से सुना रहा है- मेरी पत्नी जहां देखो वहीं उठते-बैठते गप्प मारना शुरू कर देती है। गप्प भी ऐसी कि इसे दिन-रात की सुध नहीं रहती। वह तल्ला खोला (गांव के निचले हिस्से) में किसी के घर ऊखल कूटने के लिये जाती है, तो बात शुरु करने पर रुकने का नाम नहीं लेती। मल्ला खोला (गांव के ऊपरी हिस्से) के घर में हाथ वाली चक्की से पिसाई करने जाती हैं तो बातों में रात-दिन की सुध खो बैठती है अन्तत: रात को वहीं रुक जाती है। मैं तो हैरान हूं कि इस दो अंगुल के मुंह में डेढ हाथ की जबान कैसे समा गई है? सब्जी और रोटी बनाते-बनाते छुईं (गप्प) लगाने में इतनी मशगूल हो जाती है कि चूल्हे पर रखी रोटी-सब्जी जल जाती है लेकिन इन्हें पता भी नहीं चलता। अब इसके हाथ का बना खाना जिस आदमी को खाने को मिल गया वो तो कोई किस्मत वाला ही होगा। महिलाओं की मण्डली बैठा कर जंगल और पानी भरने की जगह पर ऐसे सभा जमा देती है लगता है जैसे कोई कचहरी या पंचायत लग गई हो। पूरे दिन भर बात करने पर भी इसका मन नहीं भरता, इसलिये सोते में भी बोलती रहती है, अब क्या बताऊं यारों मैं तो बरसों से उनींदा ही हूं। एक बार अगर इसने बात शुरु कर दी तो फिर बात से बात निकलती जाती है। इसकी मशीन की तरह चलने वाली जबान के लिये मैं क्या करूं मुझे समझ नहीं आ रहा है। दांत में तेज दर्द होने पर लगता है कि अब ये कुछ शान्त रहेगी, उस दर्द को भी यह सहन कर लेती है, मगर एक-दो घड़ी चुप रहना इसके बस की बात नहीं है। इसकी इसी आदत के कारण मेरे सिर में दर्द रहने लगा है। मैं तो ये सोच-सोच कर हैरान हूँ कि भगवान ने यह कैसा अजीब नमूना बना कर धरती पर मेरे पास भेज दिया?

गीत के बोल देवनागिरी में

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नरेन्द्र सिंह नेगी जी की पत्नी श्रीमती उषा नेगी जी।

इखमां छुईं, उखमां छुईं, जखमां देख, तखमां छुईं
इखमां छुईं, उखमां छुईं, उठदा बैठदा छुईं-छुईं
ईखमा, उखमा, जखमां, तखमां पूछ न आब क्या बौल्न कि कख मां

इखमां छुईं, उखमां छुईं, जखमां देख, तखमां छुईं
सुध-बुध नि रैन्द दिन रात की..
कन छुयाल ह्वै तु वे बकि बात कि, बकि बात कि
कन छुयाल ह्वै तु बकि बात कि….बकि बात कि

तैल्या खोला कुटणु जांद, तैल्या खोला..तैल्या खोला कुटणु जांद
उरख्यांलु मां छुईं लगांद मेरि गांजरि रुकदि नी..
मैल्या खोला पिसनु जांद, मैल्या खोला. मैल्या खोला पिसणू जांद
रात बासा रैकि आंद, मेरि जांदरि थकदि नी…
द्वी आंगौलि कि गिजि….गिजि…और जीब डेढ हाथ कि…
कन छुयाल ह्वै तु बकि बात कि, बकि बात कि
कन छुयाल ह्वै तु बकि बात कि, बकि बात कि

भुजि बणांद छुईं लगांद..भुजि बणांद…, भुजि बणांद छुईं लगांद,
भुजि चुलै में फुकि जांद , चुलि जुगर्तौं ग्वदिड़ि भिण्डि..
रोटि पकांद छुईं लगांद..रोटि पकांद रोटि पकांद छुईं लगांद..
रोटि तवै में बिसरि जांद, मेरि सगौर्या आब खा भिण्डि..
कौ भग्यान खालो.. खालो.. कौ भग्यान खालो तेरा हाथ कि..
कन छुयाल ह्वै तु बकि बात कि, बकि बात कि
कन छुयाल ह्वै तु बकि बात कि, बकि बात कि

बणौं मां कचैरि लगांद, बणौं मां…..बणौं मां कचैरि लगांद
पन्दरौ मां पंचैत बैठांद , हे मेरि छुयूं भुखि रै गयूं
बिज्यां मां त धौ नि खान्द.. बिज्यां मां…. बिज्यां मां त धौ नि खान्द
निन्द मां बि बच्याणि रांद.. बरसूं बटि उनिन्दि छयूं,
सैनि खानि हर्चि.. हर्चि अरे हर्चि दिन रात कि
कन छुयाल ह्वै तु बकि बात कि, बकि बात कि
कन छुयाल ह्वै तु बकि बात कि, बकि बात कि

छुयूं बटि छुईं निकल्द, छुयूं बटि.. छुयूं बटि छुईं निकल्द
गिचि जन मशीन चल्द, हे मेरि गिचि क्या करूं क्या करूं?
दाड़ पिड़ा जि सै लैन्द, दाड़ पिड़ा.. दाड़ पिड़ा जि सै लैन्द
पर गड़ि एक चुप नि रैन्द, हे मेरि बौई मुण्डरु मुण्डरु
क्या चीज रचि छ.. रचि छ..रचि छ वै विधाता कि
कन छुयाल ह्वै तु बकि बात कि, बकि बात कि
कन छुयाल ह्वै तु बकि बात कि, बकि बात कि

ईखमा, उखमा, जखमां, तखमां पूछ न आब क्या बौल्न कि कख मां
इखमां छुईं, उखमां छुईं, जखमां देख, तखमां छुईं
सुध-बुध नि रैन्द दिन रात की..
कन छुयाल ह्वै तु बकि बात कि, बकि बात कि…..
कन छुयाल ह्वै तु बकि बात कि, बकि बात कि…..

गीत : [audio:ikhma-chhuin-ukhma-chhuin-narendra-singh-negi-merapahad-dot-com.mp3]

इस गीत का चुनाव व हिन्दी अर्थ हमारे सदस्य और लेखक हेम पंत का है।

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Lyrics of the song “Ikhme Chhuin Ukhme Chhuin”

ikhmain chhuin, ukhmain chhuin, jakhmain dekh, takhmain chhuin
ikhmain chhuin, ukhmain chhuin, uthada baithada chhuin-chhuin
eekhama, ukhama, jakhmain, takhmain poochh n aab kya bauln ki kakh man

ikhmain chhuin, ukhmain chhuin, jakhmain dekh, takhmain chhuin
sudh-budh ni raind din rat kee..
kan chhuyal hvai tu ve baki bat ki, baki bat ki
kan chhuyal hvai tu baki bat ki….baki bat ki

tailya khola kutanu jand, tailya khola..tailya khola kutanu jand
urakhyanlu man chhuin lagand meri ganjari rukadi ni..
mailya khola pisanu jand, mailya khola. mailya khola pisanoo jand
rat basa raiki aand, meri jandari thakadi ni…
dvi aangauli ki giji….giji…aur jib dedh hath ki…
kan chhuyal hvai tu baki bat ki, baki bat ki
kan chhuyal hvai tu baki bat ki, baki bat ki

bhuji banand chhuin lagand..bhuji bananda…, bhuji banand chhuin lagand,
bhuji chulai men fuki jand , chuli jugartaun gvadidi bhindi..
roti pakand chhuin lagand..roti pakand roti pakand chhuin lagand..
roti tavai men bisari jand, meri sagaurya aab kha bhindi..
kau bhagyan khalo.. khalo.. kau bhagyan khalo tera hath ki..
kan chhuyal hvai tu baki bat ki, baki bat ki
kan chhuyal hvai tu baki bat ki, baki bat ki

banaun man kachairi lagand, banaun man…..banaun man kachairi lagand
pandarau man panchait baithand , he meri chhuyoon bhukhi rai gayoon
bijyan man t dhau ni khand.. bijyan man…. bijyan man t dhau ni khand
nind man bi bachyani rand.. barasoon bati unindi chhayoon,
saini khani harchi.. harchi are harchi din rat ki
kan chhuyal hvai tu baki bat ki, baki bat ki
kan chhuyal hvai tu baki bat ki, baki bat ki

chhuyoon bati chhuin nikald, chhuyoon bati.. chhuyoon bati chhuin nikald
gichi jan mashin chald, he meri gichi kya karoon kya karoon?
dad pida ji sai laind, dad pida.. dad pida ji sai laind
par gadi ek chup ni raind, he meri bauee mundaru mundaru
kya chij rachi chh.. rachi chh..rachi chh vai vidhata ki
kan chhuyal hvai tu baki bat ki, baki bat ki
kan chhuyal hvai tu baki bat ki, baki bat ki

eekhama, ukhama, jakhmain, takhmain poochh n aab kya bauln ki kakh man
ikhmain chhuin, ukhmain chhuin, jakhmain dekh, takhmain chhuin
sudh-budh ni raind din rat kee..
kan chhuyal hvai tu baki bat ki, baki bat ki…..
kan chhuyal hvai tu baki bat ki, baki bat ki…..

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Album : Chhunyal, Director: Anil Bisht, Audio-Video : Rama Cassettes

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अपडेट (हेम पंत जी द्वारा) : वीडियो में पत्नी से परेशान पति का अभिनय उत्तराखण्ड फिल्मों व एलबमों के प्रमुख कलाकार पन्नु गुसाईं ने किया है।

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2 Thoughts to “इखमां छुईं, उखमां छुईं, जखमां देख, तखमां छुई”

  1. वीडियो में पत्नी से परेशान पति का अभिनय उत्तराखण्ड फिल्मों व एलबमों के प्रमुख कलाकार पन्नु गुसाईं ने किया है.

  2. Practitioner

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