कुलानन्द भारतीय

कुलानन्द भारतीय (Kulanand Bhartiya)

(माताः श्रीमती राजरानी, पिताः स्व. दयाराम भारद्वाज)

जन्मतिथि : 28 अप्रैल 1924

जन्म स्थान : जामणी

पैतृक गाँव : मल्ला सल्ट जिला : अल्मोड़ा

वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 3 पुत्र, 3 पुत्रियाँ

शिक्षा : इंटर, प्रभाकर, साहित्य रत्न

प्राथमिक शिक्षा- पड़सोली, गुजड़ू गढ़वाल

आठवीं, नवीं- प्रेम विद्यालय ताड़ीखेत ;अल्मोड़ाद्ध

मैट्रिक, इंटर, प्रभाकर, साहित्यरत्न- दिल्ली में प्राइवेट पास किए।

जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः सन् 1943 में बाल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में दिल्ली में भूमिगत होकर आये। यहीं से जीवन की दिशा एवं दशा बदल गयी।

प्रमुख उपलब्धियाँ : जन्मस्थान- मातृभूमि से बाहर रह कर भी दिल्ली की लाखों जनता का ढेरों प्यार मिला। जहाँ उत्तराखण्ड का कोई मतदाता नहीं था। यहीं से 5-6 चुनावों में विजयी हुआ। दिल्ली नगर निगम में शिक्षा का उपाध्यक्ष, अध्यक्ष एवं महानगर में शिक्षा मंत्री के पद पर रहा। दिल्ली में दो सीनियर सेकेन्ड्री स्कूल एवं दो माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की। आज भी उनका संस्थापक अध्यक्ष हैं। सन् 1950 से 62 तक भारतीय विद्यालय के नाम से एक प्राइवेट कालेज का संचालन किया। स्वयं अध्यापन भी किया। पाँच वर्ष तक भारतीय पत्र का संपादन। 1972 से 75 तक दिल्ली विश्वविद्यालय की विद्वत परिषद के सदस्य। 1972-73 में यूरोप के आठ-दस देशों की यात्रायें की। 1988 में शैक्षिक शिष्टमंडल के नेता के रूप में जापान की यात्रा की। दिल्ली प्रवासी उत्तराखण्ड समाज के दुःख-सुख के साथी रहे। कविता, उपन्यास, संस्मरण सहित लगभग एक दर्जन पुस्तकों का लेखन।

युवाओं के नाम संदेशः

आस्था, विश्वास, परिश्रम, संघर्ष हमेशा रंग लाता है,

सहृदयता, मानवता, विनम्रता इंसा को ऊंचा उठाता है।

ईमानदारी, देशभक्ति, मातृभूमि के जो सदैव गीत गाता है,

वही नवयुवक नई पीढ़ी का शिक्षक एवं नेता बन जाता है।

विशेषज्ञता : शिक्षा, सामाजिक कार्य।

नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।

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