कुंवर सिंह नेगी (Kunwar Singh Negi)
(माताः श्रीमती सूरमा देवी, पिताः स्व. फतेह सिंह नेगी)
जन्मतिथि : 20 नवम्बर 1927
जन्म स्थान : पौड़ी गढ़वाल
पैतृक गाँव : अयाल (पैडुलस्यूं) जिला : पौड़ी गढ़वाल
वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 1 पुत्री
शिक्षा : एम.ए.
प्राथमिक शिक्षा- कलजीखाल (पौड़ी)
मिडिल- कांसखेत
मैट्रिक- साधूराम इंटर कालेज, देहरादून
इंटर- डी.ए.वी. इंटर कालेज, देहरादून
बी.ए., एम.ए.- डी.ए.वी. कालेज, देहरादून
प्रभाकर, साहित्यरत्न, विशारद आदि उपाधियाँ
अलंकरणः पद्मश्री, पद्म भूषण
जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः सरकारी सेवा त्याग कर दृष्टिहीनों की सेवा में समर्पण।
प्रमुख उपलब्धियाँ : देश की विभिन्न भाषाओं में अनेक पाठ्य पुस्तकों, धार्मिक व साहित्यिक पुस्तकों को ब्रेल लिपि में रूपांतरण व दृष्टिहीनों में निःशुल्क वितरण। दृष्टिहीनों के लिए किए गए कार्य पर विश्व उन्ननय संसद, कलकत्ता द्वारा विकलांग कल्याण में डाक्टरेट की मानद उपाधि। 1981 में पद्मश्री। 1990 में पद्म भूषण से अलंकृत।
युवाओं के नाम संदेशः राज्य की युवा शक्ति को स्वयं व राज्य के हित में सरकारी नौकरियों की अपेक्षा स्वरोजगार की ओर मुड़ना होगा। नौकरियों पर निर्भरता उत्तराखण्ड के निवासियों की कमजोरी है।
विशेषज्ञता : शिक्षा, लिप्यांकर, समाज सेवा.
नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।