प्रभाती नौटियाल

प्रभाती नौटियाल (Prabhati Nautiyal)

(माताः स्व. राधा नौटियाल, पिताः स्व. राम प्रसाद नौटियाल)

जन्मतिथि : 16 जून 1949

जन्म स्थान : भेटियारा

पैतृक गाँव : भेटियारा जिला : उत्तरकाशी

वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 1 पुत्री

शिक्षा : एम.ए., एम.फिल., पीएच.डी.

गांव में घर के खुले आंगन में चलती स्कूल से पांचवीं पास,

छठी से बारहवीं तक इंटर कालेज उत्तरकाशी तथा एम.ए., एम.फिल., पीएच.डी. (स्पेनी साहित्य)जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली

जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः एयरक्राफ्रट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग लाइसेंस प्राप्त करने और दिल्ली में तीन वर्षों की बेरोजगारी के बाद जे.एन.यू. में पांच वर्षीय एम.ए. (स्पेनी भाषा और साहित्य) में प्रवेश।

प्रमुख उपलब्धियाँ : कविताएं, लेख, समीक्षाएँ विभिन्न साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित; जे.एन.यू. से एम.ए. के बाद भारतीय विदेश व्यापार संस्थान में 1978-98 तक स्पेनी भाषा का अध्यापन; 1999 से ‘लोर्का’ त्रैमासिक का संपादन, जो मूल से विदेशी साहित्य को हिंदी में प्रकाशित करने का प्रयास है। मेक्सिको में 1980-81 के दौरान वहाँ के साहित्य पर शोध करने वाला पहला भारतीय। लातीनी अमरीकी देशों द्वारा संयुक्त रूप से दिये जाने वाले पुरस्कार ‘सिमोन बोलीवार’ से सम्मानित; दस से अधिक मूल स्पेनी से अनूदित साहित्यिक कृतियां हिंदी में प्रकाशित, जिनमें पाब्लो नेरूदा की कविताओं का संग्रह ‘रुको ओ पृथ्वी’ साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित; स्पेनी-हिंदी कोश का संपादन, जो केन्द्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित हुआ। सम्प्रतिः आई.आई.एफ.टी., दिल्ली में विजिटिंग प्रोफेसर।

युवाओं के नाम संदेशः प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार से सम्मानित ‘चीले’ के कवि पाब्लो नेरूदा ने लिखा हैः ‘किसी जड़ ने नहीं कहा मुझसे/ ‘मैं ही आती हूँ सबसे अधिक गहराई से।’ हमारी ये जड़ें जो दिखाई नहीं देती हैं, लेकिन हमें हरा-भरा रखती हैं, उनसे अवश्य सीखें और उन्हें हरा-भरा रखने का दायित्व न भूलें।

विशेषज्ञता : पत्रकारिता, संपादन, साहित्य, स्पेनिस भाषा, साहित्य।

 

 

नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।

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