प्रेमलाल भट्ट

प्रेमलाल भट्ट (Premlal Bhatt)

(माताः श्रीमती हिमाद्रिजा, पिताः स्व. रामनाथ भट्ट)

जन्मतिथि : 8 मई 1931

जन्म स्थान : सेमन

पैतृक गाँव : सेमन जिला : देव प्रयाग

वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 4 पुत्र, 3 पुत्रियाँ

शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी) – आगरा, वि.वि.

जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः विवाह, जिसने अध्यापन कार्य छुड़वाकर दो-चार अधिक पैसों के लिए भारत सरकार की मुंशीगिरी स्वीकार करने को विवश कर दिया। मुंशीगिरी ने वाणी को वन्दिनी बना दिया तो भीतर कुछ-कुछ सुलगने सा लगा और अकस्मात् वह धुआं साप्ताहिक ‘शैलोदय’ के प्रकाशन के रूप में अपनी चिनगारियों के साथ फैलने लगा। पहाड़ों में व्याप्त अशिक्षा, अज्ञान और वहाँ के दैन्य की पीड़ा उन्हें टीसती गयी और वह एक दिन मुंशी से लेखक बन गए।

प्रमुख उपलब्धियाँ : हिन्दी साहित्य और गढ़वाली के अधिकारिक लेखक। 1956 में सरकारी सेवा में प्रवेश। पोस्ट एण्ड टेलीग्राफ विभाग में 1984 से 1989 तक निदेशक (राजभाषा)नियुक्त रहे। सदस्य हिन्दी सलाहकार समिति, दूर संचार विभाग, भारत सरकार। हिन्दी अकादमी द्वारा ‘द्रोणाचार्य की पराजय’ उपन्यास पुरस्कृत। गढ़वाल साहित्य मण्डल के संस्थापक अध्यक्ष।

युवाओं के नाम संदेशः गंगा यमुना की उद्गमस्थली और देवभूमि उत्तरांचल भारतीय इतिहास के विभिन्न कालखण्डों में सदैव राष्ट्र की मुख्य-धारा में रहा है। उत्तरांचल के नौनिहालों को मेरा साग्रह आह्नान है कि वे भारत के निर्माण को अपना राष्ट्रधर्म समझें।

विशेषज्ञता : शिक्षा, साहित्य।

नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।

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