राजा राय सिंह

राजा राय सिंह (Raja Rai Singh)

(माताः स्व. धर्मा देवी, पिताः स्व. दुर्गा सिंह)

जन्मतिथि : 5 अप्रैल 1918 जन्म स्थान : पिथौरागढ़

पैतृक स्थान : पिथौरागढ़ जिला : पिथौरागढ़

वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 1 पुत्र, 1 पुत्री

शिक्षा : प्राथमिक- श्रीनगर, गढ़वाल

हाईस्कूल- पिथौरागढ़

इण्टर- इलाहाबाद

बी.ए., एम.ए.- इलाहाबाद विश्वविद्यालय

जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः 1948 में प्रथम प्रयास में आई.ए.एस. परीक्षा पास की।

प्रमुख उपलब्धियाँ : जिला कलेक्टर के रूप में मथुरा में नियुक्ति। 1957 में तत्कालीन गृहमंत्री गोविन्द बल्लभ पंत के विशेष सहायक, तत्पश्चात केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय में नियुक्ति। इस दौरान शिक्षा सम्बन्धी उच्च अध्ययन हेतु सोवियत यूनियन, जर्मनी, यू.एस.ए. और जापान की यात्रा की। एक वृहद् संगठन एन.सी.ई.आर.टी. (नेशनल काउन्सिल ऑव एज्यूकेशनल रिसर्च एण्ड ट्रेनिंग) का गठन करवाया। 1964 में उनकी सेवाएँ ‘यूनेस्को’ द्वारा आमंत्रित की गईं। बैंकाक (थाईलैण्ड) स्थित मुख्यालय में उन्हें एशिया महाद्वीप और प्रशान्त क्षेत्र के एक बहुत बड़े भाग में यूनेस्को के शिक्षा सम्बन्धी कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई। यूनेस्को में शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम- ए.पी.आई.डी. (एशिया पैसिफिक प्रोग्राम ऑव एज्युकेशनल इनोवेशन फार डेवलपमेंट) लागू करवाया। ‘एज्युकेशन इन एशिया एण्ड पैसेफिकः ट्रेण्ड्स एण्ड डेवलपमेंट’, ‘एज्युकेशनल प्लानिंग इन एशिया’ तथा ‘एज्यूकेशन फार द फ्रयूचर’ (अंग्रेजी भाषा) उनकी चर्चित पुस्तकें हैं। शिक्षा क्षेत्र में सराहनीय सेवाओं के लिए कई एशियाई राष्ट्रों ने उन्हें सम्मानित किया तथा थाईलैण्ड विश्वविद्यालय ने मानद ‘डाक्टरेट’ की उपाधि दी।

युवाओं के नाम संदेशः ऊँचे लक्ष्य रखें और उस लक्ष्य तक पहुँचने के लिए पूरी मेहनत करें।

विशेषज्ञता : प्रशासन, शिक्षा, शैक्षिक शोध।

नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।

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