कैलाश चन्द्र जोशी

सूचना औद्योगिकी के क्षेत्र में कार्य। माइक्रोसॉफ्ट में कार्य कर अमेरिका जैसे देश में विशेष उपलब्धि। उन उद्योगपतियों के बीच स्पर्धा जिनको अमरीकी भी चुनौती नहीं दे सके। राष्ट्रपति क्लिंटन के साथ भारत यात्रा में अमरिका के उद्योगपतियों के प्रतिनिधिमण्डल का नेतृत्व किया। विश्वविख्यात आई.बी.एम. कम्पनी अमरीका में 24 वर्षों तक काम करने के बाद 1990 में भारत में टाटा आई.बी.एम. की स्थापना की। 1992 में सिलीकन वैली अमरीका में दि इन्डस एन्ट्राप्रैनुयैर्स (टी.आई.इ.) बनाई। दुनिया के कुछ खास उद्यमियों की यह ऐसी पहली संस्था है। अपने गाँव-देश का ख्याल हमेशा रखा। टी.आई.इ. के अध्यक्ष के रूप में अनेक जिम्मेदारियों का निर्वाह किया। अनेक व्यवसायी संस्थाओं, सामाजिक संस्थाओं से सम्बद्ध।

Read More

गजेन्द्र सिंह रावत

आज तक संयुक्त परिवार का सदस्य बने रहना। गरीब परिवार का होने के बावजूद एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कालेज से डिग्री लेना। अपनी लिमिटेड कम्पनी की स्थापना जिसका कारोबार आज 10 करोड़ रुपये से अधिक का है।उत्तरांचल की सामाजिक गतिविधियों में हिस्सेदारी।

Read More

महेश चन्द्र बेलवाल

1952-57 में दिल्ली में घरेलू नौकर तथा बेलदार के बतौर काम करना शुरू किया। 1957-58 में ट्यूशन पढ़ाए। साइकिल रिपेयर शॉप में भी काम किया। 1958-60 में डी.टी.यू. में कंडक्टर का काम किया। 1960 में ग्रांट एडवरटाइजिंग इनकारपोरेटेड में टाइपिस्ट के बतौर काम शुरू किया और 1963 में मीडिया मैनेजर के पद पर रहते हुए कम्पनी छोड़ दी। इसके बाद आगामी 10 वर्षों में अनेक विज्ञापन कंपनियों के महत्वपूर्ण विभागों में काम किया। 1973 में इम्पैक्ट एडवरटाइजिंग प्रा.लि. नाम से अपनी कम्पनी शुरू की जिसका वार्षिक कारोबार 3-4 करोड़ रुपये था। इस क्षेत्र में रहते हुए अनेक उद्योगपतियों के सम्पर्क में आने से उद्योगपति बनने की प्रेरणा मिली। 1982 में ‘बेलवाल स्पिनिंग मिल्स लिमि.’ के नाम से रामनगर (नैनीताल) में स्पिनिंग मिल स्थापित की।

Read More

चन्द्र दत्त (सी.डी.) धारियाल

बी.एच.यू. में प्रवक्ता के रूप में जीवन क्षेत्र में पदार्पण। कैमिकल इंजीनियरिंग की विशेषज्ञता। भारत (गुजरात) में तत्सम्बन्धी उद्योगों की स्थापना में योगदान। इनके द्वारा विकसित कार्बोक्सी मिथायल सैल्यूलोज (सी.एम.सी.) की पेटेंटिंग सन् 1958 में हो गई थी। तत्पश्चात् शोध और विकास का कार्यक्रम निरन्तर चला। स्वयं के दो उद्योग स्थापित किये। दर्जनों कम्पनियों को परामर्श दिया और औद्योगीकरण में सहयोग किया। डॉ. धारियाल भारत में सैल्यूलोज डेरी उत्पादनों के जनक माने जाते हैं। अनेक पुरस्कारों से सम्मानित।

Read More

अतुल डालाकोटी

चीन में उद्यमिता आजमायी और सफलता भी मिली। आज चुनिन्दा व्यवसायियों की सूची में हूँ।युवाओं के नाम संदेशः सूचना प्रौद्योगिकी के युग में ज्ञान और जानकारियों की भरमार है। आवश्यकता है इन्हें गृहण कर जीवन में आगे बढ़ने के लिए औजार की तरह इस्तेमाल करने की। क्योंकि विश्वभर में प्रतिस्पर्धा दिनोंदिन बढ़ रही है और आपको इसके लिए तैयार रहना है।

Read More

पवन कुमार गुप्ता

1976 के बाद लगभग 11-12 साल उद्योग/व्यापार करने के बाद 1989 से सामाजिक कार्य। ‘सिद्ध’ संस्था की स्थापना। शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रयोग। लेखन (जनसत्ता के लिए नियमित रूप में)। हिमालय रैबार नामक पत्रिका का पिछले 9 सालों से सम्पादन। युवाओं के बीच विचार देने/बनाने का काम।

Read More