पंकज बिष्ट

विभिन्न प्रसारण सेवाओं में नौकरी करने के बाद ‘आजकल’ मासिक पत्रिका में सम्पादक। तीन कहानी संग्रह ‘पन्द्रह जमा पच्चीस’ व ‘बच्चे गवाह नहीं हो सकते’ और ‘टुन्ड्रा प्रदेश’। दो उपन्यास ‘लेकिन दरवाजा’ व ‘उस चिड़िया का नाम’ व कुछ बाल रचनाएं प्रकाशित व बहुप्रशंसित। संचार माध्यमों व पत्रकारिता पर अनेक लेख प्रकाशित। बाल उपन्यास ‘गोलू और भोलू’ भारतीय और विदेशी भाषाओं में, कई रचनाओं का अनुवाद। ‘समयांतर’ पत्रिका का सम्पादन।

Read More

दीक्षा बिष्ट

लगभग 300 से अधिक लेख समाचार पत्रों व पत्रिकाओं में प्रकाशित। आकाशवाणी से विभिन्न वैज्ञानिक व तकनीकी विषयों पर 250 से अधिक वार्ताएं प्रकाशित। दो पुस्तकें मौलिक, दो अनूदित एवं चार सम्पादित। हिन्दी में विज्ञान लेखन व उत्कृष्ट सम्पादन के लिए अनेक सम्मानों व पुरस्कारों से सम्मानित। वर्ष 1989 से 2001 तक लोकप्रिय विज्ञान पत्रिका ‘विज्ञान प्रगति’ की सम्पादक तथा वर्तमान में राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं सूचना स्रोत संस्थान, नई दिल्ली में वैज्ञानिक ‘ई-2’ के पद पर कार्यरत.

Read More

सुरेन्द्र सिंह पांगती

उत्तराखण्ड का अधिकतम भ्रमण। 1976 में सिक्किम में भूमि बन्दोबस्त कराया। यह पहला भारतीय राज्य था जहाँ मूल सर्वे मैट्रिक स्केल में किया गया। औली में हिमक्रीड़ा संस्थान की स्थापना। भिलंगना, खतलिंग क्षेत्र को पर्यटकों के लिए खोलना। छोटा कैलास की यात्रा को प्रमुखता देना। थोड़ा बहुत मौलिक लेखन भी किया। कुछेक लेखों के अलावा एक पुस्तिका ‘उत्तराखण्ड या उत्तरांचलः कितना सच-कितना छल’। का प्रकाशन।

Read More

यशपाल सिंह पांगती

कुमाऊँ क्षेत्र की वानस्पतिक तथा पारिस्थितिक अध्ययनों में विशेष योगदान। 125 शोध पत्र प्रकाशित। सात किताबों के सह लेखक। 22 शोध छात्रों का निर्देशन। अनेक शिष्य उच्च संस्थाओं तथा विश्वविद्यालयों में महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं।

Read More

चारु चन्द्र पाण्डे

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की 1947 की परीक्षा में डबल फर्स्ट सहित सर्वप्रथम स्थान. अध्यापन का राष्ट्रपति पुरस्कार. उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा विशिष्ट पुरस्कार से सम्मानित. उमेश डोभाल स्मृति सम्मान. कुमाउँनी, हिन्दी, अंग्रेजी में लेखन कार्य. ‘अघ्वाल’, ‘सेज गुमानी’, ‘ईकोज फ्राम द हिल्स’, ‘छोड़ो गुलामी खिताब’ पुस्तकें प्रकाशित. 1962 से आकाशवाणी लखनऊ हेतु लेखन एवं प्रसारण. अल्मोड़ा में दीर्घकाल तक साहित्यिक, सांस्कृतिक आयोजनों में सक्रिय रहे।

Read More

बंशीधर पाठक ‘जिज्ञासु’

जीविका हेतु क्रमशः अध्यापन, स्टेनोग्राफी और लेखन-कलाकर्म जैसे कार्य किए। लगभग तीन वर्ष तक कुमाउँनी की मासिक पत्रिका ‘आँखर’ का सम्पादन। लगभग 31 वर्ष तक उत्तरायण कार्यक्रम के जरिए कुमाउँनी/गढ़वाली संस्कृति का प्रसार। हिन्दी और कुमाउँनी में कविताएँ, गीत, लेख, संस्मरण, कहानियाँ, नाटक व समीक्षाएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कुमाउँनी व हिन्दी में एक-एक कविता संग्रह प्रकाशित।

Read More

चन्द्र मोहन पपनै

पर्वतीय कला केन्द्र के सचिव, चीन, कोरिया, हांगकांग व थाइलैंड की यात्रा द्वारा भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद, भारत सरकार। वर्तमान में दिल्ली फैडरेशन ऑफ न्यूजपेपर इम्प्लाइज के अध्यक्ष, उत्तरांचल विकास परिषद के सचिव, पाँच पुस्तकों का लेखन, उत्तरांचल पॉप के अनेक गीतों की रचना, विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेखन, अनेक संस्थाओं से सम्बंध, 1979 से समाचारपत्र इंडियन एक्सप्रेस, जनसत्ता में कार्यरत। वर्तमान में प्रकृत लोक पत्रिका के प्रबन्ध संपादक।

Read More