भुवन चन्द्र नैनवाल

नंदाखाट, बैलजुरी, पताल्सू, देबिस्थान, नन्दा घुण्टी आदि अनेक शिखरों का आरोहण। रामजस संस्थान में पिछले 20 वर्षों से साहसिक अभियानों, पथारोहण, शिलारोहण आदि का प्रशिक्षण दिया। रामजस फाउंडेशन की 30 एकड़ भूमि को आरोहण गतिविधियों से युक्त स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स के रूप में विकसित किया, जिसमें क्रिकेट, टेनिस, एथलेटिक ट्रैक, वॉलीबाल, बैडमिन्टन, हैण्डबाल, फुटबाल, हॉकी, बास्केटबाल खेलने की सुविधायें हैं। ट्रेनिंग हेतु चट्टानें, एडवेन्चर ऑब्स्टैकिल, 50 फुट ऊँची क्लाइम्बिंग वाल बनवाये हैं। साथ ही लगभग 2000 वृक्ष भी हरियाली के लिए लगवाये हैं। भारतीय पर्वतारोहण संस्थान द्वारा आयोजित नेशनल स्पोर्ट क्लाइम्बिंग प्रतियोगिता में ‘जज’। उत्तर भारतीय स्पोर्ट क्लाइम्बिंग प्रतियोगिता का 7 वर्षों से आयोजन कर रहे हैं।

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दया किशोर आर्य

बड़े कमजोर हालात में छात्रावृत्ति के सहारे पढ़कर IPS में निकल जाने को मैं उपलब्ध् मानूंगा।ईमानदारी, कर्मठता, लगनशीलता व विनम्रता का सहारा लेकर जहाँ भी रहा सफल ही रहा।राजनीतिक प्रश्रय या अन्य प्रकार की बैसाखियों के बिना पहला IPS निदेशक बी.एस.एफ. अकादमी, महानिदेशक (पुलिस) मध्यप्रदेश, महानिदेशक आई.टी.बी.पी., महानिदेशक एन.एस.जी. एवं अंततः भारत के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल बी.एस.एफ. का महानिदेशक बन सका।सेवानिवृत्ति के बाद राज्यपाल उ.प्र. का सलाहकार रहा।पर्वतारोहण, एडवेंचर वाटर स्पोर्टस, पर्यावरण व युवा कार्यों से आज भी प्रणेता के रूप में सम्बद्ध हूँ।

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