संजीव भगत

1994 में उ.प्र. खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के वित्तीय सहयोग व पिता जी की प्रेरणा से एक फल प्रशोधन इकाई की स्थापना की जो अब एक सफल ग्रामोद्योग का रूप ले चुकी है। इसमें पन्द्रह लोगों को प्रत्यक्ष तथा 10 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है। इसके अलावा स्थानीय सब्जियों व फलों की खपत हो रही है। हमारे फल उत्पाद पर्यटकों में लोकप्रिय हो रहे हैं।

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ज़हूर आलम

चर्चित नाट्य संस्था ‘युगमंच’ का कई वर्षों से संचालन। इस संस्था से नाटकों का अक्षर ज्ञान लेकर 16 कलाकार राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली और 5 पुणे फिल्म टी.वी. संस्था में गये, जो किसी संस्था के लिए एक कीर्तिमान है। हिन्दी रंग जगत में अभिनेता, निर्देशक के रूप में राष्ट्रीय नाट्य उत्सवों में भागीदारी। कई फिल्मों, टी.वी. सीरियल, टेली फिल्मों में अभिनय। साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में लेख, कविता, गजलें प्रकाशित।

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वैभव काला

पिछले सात वर्षों में हिमालय के विभिन्न हिस्सों (गढ़वाल, कुमाऊं, जंस्कार, नुब्रा, लद्दाख, चांगथांग, लाहुल, स्पीति, किन्नौर और अरुणाचल प्रदेश के दूरस्थ-दुर्गम इलाकों में पथारोहण करने के अलावा अनेक महत्वपूर्ण पर्वतारोहण एवं “वाइट वाटर राफ्रिटंग अभियानों में भी हिस्सा लिया।1995 में साहसिक पर्यटन कम्पनी- ‘अक्वा टेरा एडवेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड’ की स्थापना की, जो लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल, सिक्किम, आसाम, उड़ीसा और अरुणाचल प्रदेश में साहसिक अभियानों का संचालन करती है।

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