रोग पुराणु कटे ज़िन्दगी नई ह्वैगे, तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे

नरेन्द्र सिंह नेगी जी ने बहुत से प्रेम-गीत गाये हैं लेकिन उनके गाये कुछ प्रेम गीत ऐसे  हैं जिसमें प्रेम को लेकर एक नये तरीके के उपमानों का प्रयोग किया गया है उदाहरण के लिये उनके गाये त्यारा रूप कि झौल मां, नौंणी सी ज्यू म्यारु को ही लें जिसमें उन्होने प्रेमिका के रूप की आँच से प्रेमी के मक्खन रूपी हृदय के गलने की बात कही थी। आज प्रस्तुत है उसी तरह का एक गीत जिसमें प्रेमिका का मंद मंद मुस्कुराना प्रेमी के लिये दवाई बन जाता है।

इस गीत को नरेन्द्र नेगी जी के भूले-बिसरे गीतों की श्रेणी में रखा जा सकता है। सच्चे प्यार की खोज में भटकते मनुष्य को जब अपनी जीवन संगिनी मिलती है तब प्रेमी महसूस करता है कि उसकी जिन्दगी में चमत्कारिक परिवर्तन होने लगे हैं, उसे लगता है जैसे उसे नयी जिन्दगी मिल गयी हो, उसके सभी कष्टों का निवारण हो गया हो और सुखों की बारिश होने लगी हो। यह गीत टी.सीरीज द्वारा निकाले गये वी.सी.डी. “स्याणी” से लिया गया है।

भावार्थ : हे प्रिये तुझे मिलने से मेरे पुराने रोग दूर हो गये और मुझे जैसे नई ज़िन्दगी मिल गयी है, तेरा मन्द मन्द मुस्कुराना तो जैसे मेरे लिये दवाई बन गया।

मुझे तो अपने बचने की कोई आशा नही थी, मैं सख्त बीमार था, मैं असहनीय दर्द से तड़फ रहा था, वैद्य – चिकित्सक सभी लाचार थे, ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं बस दों पल का ही मेहमान हूँ, ठीक उसी समय आकर तुमने जो मुस्कान बिखेरी वो मेरे लिये किसी अचूक दवाई का काम कर गई, और मेरी बरसों पुरानी बीमारी ठीक हो गयी।

मेरी सांस टूटने लगी थी, मेरी आस बुझने लगी थी, आवाज बन्द हों गयी थी और गला सूख गया था, तुम हड़बड़ी में जब मेरे पास पहुंची तो तुम्हारे होंठ थरथरा रहे थे तुम्हें तो शायद विश्वास भी नहीं होगा, कि तुम मुझे जीवित पाओगी, लेकिन तुम्हारे आने से मुझे जो इतनी खुशी मिली उससे मानो किसी पुराने मुकदमे का मेरे पक्ष में फैसला हो गया।

जब तुम मेरे घर पर आई, उस समय कोई मुझे दवाई पिला रहा था, कोई दया दिखा रहा था, कुछ लोग रो रहे थे तो कुछ दिलासा दे रहे थे,तुम्हारा अचानक अन्दर आना देखकर मैं चकित रह गया, जब तुमने मेरे सिरहाने बैठकर मेरे सिर पर हाथ फेरा तब मुझे ऐसा सुख मिला मानो मेरे दुःख बिपदा के दिनों की भरपाई हो गयी हो।

तुमने आकर जैसे मेरे इन पपड़ाये हुए होंठों पर अमृत की एक बूंद रख दी हो मेरे बुझे हुए चेहरे पर तो रौनक आ गई, मेरी इन खाली और बंजर आखों में तुम्हारे आने से फ्यौंली-बुरांश फूल खिल उठे, मेरे रूखे सूखे प्राण तुम्हारे प्यार की रिमझिम बरसात में भीग गये, तुमने यहाँ आकर मेरे मैले बीमार शरीर पर नई जान डाल दी है।

हे प्रिये तुझे मिलने से मेरे पुराने रोग दूर हो गये और मुझे जैसे नई ज़िन्दगी मिल गयी है, तेरा मन्द मन्द मुस्कुराना तो जैसे मेरे लिये दवाई बन गया।

गीत के बोल देवनागिरी में

रोग पुराणु कटे ज़िन्दगी नई ह्वैगे, रोग पुराणु कटे ज़िन्दगी नई ह्वैगे
नई – नई ह्वैगे ..
तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे, तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे
रोग पुराणु कटे ज़िन्दगी नई ह्वैगे, नई – नई ह्वैगे ..
तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे, तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे tero-mul-mul-hasanu-dawai-haigey

आस बचणे नी छे सख्त बीमार छो, तेरा सयेणी नि छे बैध लाचार छो
हाथ जोड़याली छा, छो घड़े कु मेहमान, तबरी ऐगे खलबट तेरु भारी एहसान
बरसु पुराणी बीमारी की विदाई ह्वैगे, बरसु पुराणी बीमारी की विदाई ह्वैगे
तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे, तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे

साँस टुटणी छई – आस मुँझणी छई, बाच गगलाणी छे – गौळी सुखणी छई
हड़बड़ी मा अई – उंठणी कोंपणी छई , सोची भी नि होलु- ज्युन्दु पैली मई
ज़िन्दगी का मुकदमे की सुणाई ह्वैगे – ओ ज़िन्दगी का मुकदमे की सुणाई ह्वैगे
तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे, तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे

कुई दवै छो पिलाणु – कुई दया छो दिखाणु, कुई छो रोणु रुवाणु – कुई दिलासा दिलाणु
तेरु भक भीतर आणु-मेरु खोलू रै जाणु, सिराणा बैठी सुरक – मुंड मलासिक जाणु ..
दुःख बिपदा का दिनों की भरपई ह्वैगे – दुःख बिपदा का दिनों की भरपई ह्वैगे rog-puarano-katey-zindagi-nayee-haigey
तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे, तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे

पपड़ा ईं उठड़्यूँ मां – चुयें अमृत की धार, पित मोरी मुखड़ि मां, आई बौड़ी मोळ्यार ..
रीती सूनी आँख्यूं – खिल्या फ्यौंली बुरांस, रुखा सुखा प्राणुं मां – बरखे रिमझिम चौमास
मैल्या बिमर्या सरेल पर कलाई ह्वैगे – मैल्या बिमर्या सरेल पर कलाई ह्वैगे
तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे, तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे
रोग पुराणु कटे ज़िन्दगी नई ह्वैगे, नई – नई ह्वैगे ..
तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे, तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे
तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे, तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे

गीत : [audio:teru-mul-mul-hasanu-dawai-haigey-narendra-singh-negi.mp3]

इस गीत का चुनाव व हिन्दी अर्थ हमारे सदस्य और लेखक हेम पंत का है, यह गीत ऋषिकेष से हमारे सदस्य श्री नवीन सकलानी ने उपलब्ध कराया है|

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Lyrics of the song “ Rog puranu kate jindagi nayi hwaige”

Rog puranu kate jindagi nayi hwaige, Rog puranu kate jindagi nayi hwaige
Nai-nai hwaige
Teru mul-mul haisanu dawai hwaige, Teru mul-mul haisanu dawai hwaige
Rog puranu kate jindagi nayi hwaige, Nai-nai hwaige
Teru mul-mul haisanu dawai hwaige, Teru mul-mul haisanu dawai hwaige

Aas bacane ni chhe sakht beemar chho, tera sayeni ni chhe vaidh laachaar chho
haath jodyaali chha, chho ghade ku mehmaan, tabari aige khalbatt teru bhaari ehsaan
Barasu puraani bimaari kee vidai hwiage- barasu puraani bimaari kee vidai hwiage
Teru mul-mul haisanu dawai hwaige, Teru mul-mul haisanu dawai hwaige

Saans tutani chhai-aas munjhani chhai, baach gagalani chhe-gauli sukhani chhai
Hadbadi maa aei-uthani kopani chhai, sochi bhee ni holu- jyundu paili mai
Jindagi ka mukadame ki sunvaai hwaige – Jindagi ka mukadame ki sunvaai hwaige
Teru mul-mul haisanu dawai hwaige, Teru mul-mul haisanu dawai hwaige

Kuchh dawai chho pilaanu- kuchh dayaa chho dikhaanu, kui chho ronu ruvaanu- kuI dilaasaa dilaanu
Teru bhakk bhitar aanu, meru kholu rai jaanu, siraana baithi surak, mund malasik jaanu
Dukh vipada ka dino ki bharpai hwaige – Dukh vipada ka dino ki bharpai hwaige
Teru mul-mul haisanu dawai hwaige, Teru mul-mul haisanu dawai hwaige

Papada ee uthadyu maa- chuye amrit ki dhaar, pit meri mukhadi maa- aai baudi maulyaar
Riti sooni aankhyu- khilyaa phyauli buraas, rukhaa sukhaa praanu maa-barakhe rimjhim chaumas
Mailya bimarya sarel par kalai hwaige- Mailya bimarya sarel par kalai hwaige
Teru mul-mul haisanu dawai hwaige, Teru mul-mul haisanu dawai hwaige
Rog puranu kate jindagi nayi hwaige, Nai-nai hwaige
Teru mul-mul haisanu dawai hwaige, Teru mul-mul haisanu dawai hwaige
Teru mul-mul haisanu dawai hwaige, Teru mul-mul haisanu dawai hwaige

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Album : Syani, Audio-Video : T.Series

Tero Mul Mul Hasanu Dawai Hwaigey

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9 Thoughts to “रोग पुराणु कटे ज़िन्दगी नई ह्वैगे, तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे”

  1. naveen

    dhanyawad hem bhai….

  2. वास्तव मे हेम जी के मुल मुल हसने से मेरी बीमारी ठिक हो गई है.

    बहुत अच्छा

  3. बहुत अच्छा लगा नेगी जी की आवाज व हाव भाव देख कर.

  4. मगर जो भी बीती हो तब के उन प्रेमीयो पर,मगर आज के इन प्रेमीयो पर नोटो की ही बीतती नजर आ रही है।

  5. rajeev belwal

    Negi ji an great personality for our Uttarakhand.

  6. bahut aacha song ha ji kiya baat negi ji ke to sare hi gane sahi lagte ha

  7. kishor chander

    Narender singh negi is the garhwal rafi.

  8. kishor chander dwivedi

    हे प्रिये तुझे मिलने से मेरे पुराने रोग दूर हो गये और मुझे जैसे नई ज़िन्दगी मिल गयी है, तेरा मन्द मन्द मुस्कुराना तो जैसे मेरे लिये दवाई बन गया।

  9. ROOP CHAND KANDWAL

    Negi ji Gahwal Shan hian , Unke har ek Geet mai Pahad ka Dhukh or Sukh Dikhayi deta hia , Unhone kv Galat tarike gane nahi gaye hain . Dhanya hia o Maa Jinhone Unhe Janam diya ..Us Ma or Ma ke saput ko hamara koti- koto Naman .

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