बसन्त तरियाल

ल्यूसेन्ट टैक्नोलॉजी विश्व की सर्वश्रेष्ठ संचार कम्पनी के उच्च तकनीकी पद पर पहुँचा। भारत में टाटा लूसेन्ट कम्पनी तथा अनेक बड़ी कम्पनियों के निदेशक व सलाहकार। संचार प्रणाली-आप्टिक फाइवर के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां। 25 से अधिक लेख, अन्तर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। सम्प्रतिः विश्वस्तरीय संचार कम्पनियों के विशेष सलाहकार एवं विशेषज्ञ।

Read More

विवेकानन्द ढौडियाल

आई.ए.एस. में चयन, मजिस्ट्रेट, रामपुर, उ.प्र., सेटिलमेंट ऑफिसर और डिप्टी सेक्रेटरी एण्ड डायरेक्टर, गजेटियर, राजस्थान सरकार। अण्डर सेक्रेटरी, डिफेंस प्रोडक्सन विभाग। मास्को स्थित भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव। जयपुर और अजमेर में जिलाधिकारी।टी प्रोमोशन काउंसिल, लंदन में डायरेक्टर। आयरिश टी काउंसिल के उपाध्यक्ष। 1985 में योजना आयोग के परामर्शदाता। 1991 में सेक्रेटरी पार्लियामेंट्री अफेयर्स पद से सेवानिवृत्त तथा 1994 तक केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायाधिरण के सदस्य रहे।

Read More

जगदीश चन्द्र ढौंडियाल

38 वर्ष का सेवाकाल पूरा किया। विशेष प्रशिक्षण के लिए इग्लैंड का दौरा किया। 32 आलेख व एक पुस्तक ‘माउंटेनियरिंग- एक प्रैक्टिकल गाइड’ प्रकाशित। अनेक भारतीय व विदेशी पर्वतारोहण अभियानों में हिस्सेदारी की। जम्मू-कश्मीर, उ.प्र. व हिमाचल में भारतीय सेना के अनेक पर्वतारोहण अभियानों का नेतृत्व किया। अनेक पुरस्कारों व सम्मानों से नवाजे गये।

Read More

बच्ची राम ढौंडियाल

सिंगापुर और मलेशिया में अंग्रेजी फौजों के खिलाफ मोर्चा लिया। मेरी सेवाओं को देखते हुए मुझे स्वतंत्रता संग्रामी का दर्जा दिया गया। अपने बच्चों को मैंने अच्छी से अच्छी शिक्षा देने का प्रयास किया।

Read More

अरुण प्रकाश ढौंडियाल

अब तक एक आलोचना ग्रंथ, तीन उपन्यास, दो कहानी संग्रह व एक कविता संग्रह प्रकाशित। कानपुर से प्रकाशित पत्रिका ‘कोमा’ में सहयोगी संपादक। ‘स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखण्ड का योगदान’ स्मारिका के प्रधन संपादक। एन.सी.ई.आर.टी. में कई वर्षों तक रिसोर्स परसन। ‘अखिल भारतीय लघु पत्र-पत्रिका समन्वय मंच’ के महासचिव। ‘आंचलिक सेवा संस्थान’ के संस्थापक-संरक्षक। अनेक पुरस्कारों से सम्मानित।

Read More

शिवनन्दन प्रसाद डंगवाल

भारतीय पुलिस सेवा के विभिन्न पदों पर निष्ठापूर्वक कार्य किया। प्यार किया और प्यार पाया। अपने सहित सबके प्रति ईमानदारी बरती। युवाओं के नाम संदेशः अपनी मिट्टी से प्यार करो; अपनी शक्ति पहचानो और आसमान की ऊँचाइयों को छूने की कोशिश करो। तुममें वह सब है, जो हर बड़े आदमी में हो सकता है। जिसने अन्तर्शक्ति पहिचानी, श्रम और निष्ठा का मूल्य समझा, मानवता और मर्यादाओं का आदर किया, उसके ही रास्ते प्रशस्त हुए।

Read More

वीरेन डंगवाल

पहला कविता संग्रह ‘इसी दुनिया में’ 1991 में प्रकाशित। तुर्की के महाकवि नाजि़म हिकमत की कविताओं के अनुवाद पहल पुस्तिका के रूप में। विश्व कविता से पाब्लो नेरूदा, बे्रख्ट, वास्को पोपा, मीरोस्लाव होलुब, तदेऊष रूज़ेवच आदि की कविताओं के अलावा कुछ आदिवासी लोक कविताओं के अनुवाद, बांग्ला, मराठी, पंजाबी, मलयालम और अंग्रेजी में प्रकाशित।

Read More