दून स्कूल में हाउस मास्टर और भारतीय भाषा विभागाध्यक्ष रहते हुए 32 तक वर्ष अध्यापन, एस.एन. कालेज में 5 वर्ष प्रिंसिपल। मूर्धन्य हिन्दी-अंग्रेजी पत्र-पत्रिकाओं में लगभग 400 कहानियाँ, उपन्यास, एकांकी, संस्मरण, यात्रावृत्त और लेख प्रकाशित। लगभग 35 पुस्तकें (उपन्यास, कहानी संग्रह, एकांकी, संस्मरण, पर्वतारोहण सम्बंधी पुस्तकें) प्रकाशित। अंग्रेजी में लिखी कहानी ‘स्नो एण्ड स्नो’ को बी.बी.सी. ने प्रसारित किया। अनेक कहानियों का अन्य भाषाओं में अनुवाद। कई सांस्कृतिक-सामाजिक आंदोलनों में सक्रिय भागीदारी; कई नाटकों का निर्देशन व मंचन; अनेक साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं के अध्यक्ष और सचिव। पर्वतारोहण की पृष्ठभूमि पर लिखी पुस्तकों पर उ.प्र. सरकार द्वारा दो बार नकद पुरस्कार, एकांकी लेखन पर स्वर्ण पदक, शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कृत। दिल्ली संस्कृत अकादमी, कालिदास समारोह समिति, उत्तराखण्ड कला मंच, स्वतंत्रता दिवस समारोह समिति, हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग, ओ. एन. जी. सी., हिमालय पर्यावरण सोसाइटी आदि कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित और अलंकृत।
Read MoreDay: July 27, 2008
मदन चन्द्र भट्ट
1966 में टकाना रोड पिथौरागढ़ में सुमेरु संग्रहालय की स्थापना. उत्तराखण्ड के इतिहास पर नैनीताल, पौड़ी, कोटद्वार, श्रीनगर, गोपेश्वर और बदरीनाथ में ऐतिहासिक प्रदर्शनियों का आयोजन। ‘हिमालय का इतिहास’ 1 और 2 का प्रकाशन, ‘कुमाऊँ की जागर कथायें’। 4. जाख गाँव में अपना पैतृक भवन सरस्वती शिशु मंदिर की स्थापना के लिए दान।
Read Moreप्रेमलाल भट्ट
हिन्दी साहित्य और गढ़वाली के अधिकारिक लेखक। 1956 में सरकारी सेवा में प्रवेश। पोस्ट एण्ड टेलीग्राफ विभाग में 1984 से 1989 तक निदेशक (राजभाषा) नियुक्त रहे। सदस्य हिन्दी सलाहकार समिति, दूर संचार विभाग, भारत सरकार। हिन्दी अकादमी द्वारा ‘द्रोणाचार्य की पराजय’ उपन्यास पुरस्कृत। गढ़वाल साहित्य मण्डल के संस्थापक अध्यक्ष।
Read Moreचण्डी प्रसाद भट्ट
सहकारिता आधारित आन्दोलन के प्रारम्भकर्ता, दशौली ग्राम स्वराज्य मण्डल के संस्थापक, ‘चिपको आन्दोलन’ के सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्यकर्ता, पेड़ों को बचाने के साथ वृक्षारोपण तथा पर्यावरण चेतना के आन्दोलन को फैलाने में महत्वपूर्ण योगदान। दर्जनों पुरस्कारों से सम्मानित। विभिन्न राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय समितियों के सदस्य। वर्तमान में राष्ट्रीय वन आयोग तथा अन्तरिक्ष विभाग की समिति के सदस्य। सैकड़ों लेख तथा अनेक पुस्तकें प्रकाशित।
Read Moreकमलेश्वर प्रसाद भट्ट
पीएच.डी. व डी.लिट. उपाधियाँ; पाँच पुस्तकें प्रकाशित; टिहरी गढ़वाल के जनजीवन पर आधारित दो आंचलिक उपन्यास प्रकाशित।
Read Moreसंजीव भगत
1994 में उ.प्र. खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के वित्तीय सहयोग व पिता जी की प्रेरणा से एक फल प्रशोधन इकाई की स्थापना की जो अब एक सफल ग्रामोद्योग का रूप ले चुकी है। इसमें पन्द्रह लोगों को प्रत्यक्ष तथा 10 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है। इसके अलावा स्थानीय सब्जियों व फलों की खपत हो रही है। हमारे फल उत्पाद पर्यटकों में लोकप्रिय हो रहे हैं।
Read Moreत्रिलोक सिंह बोरा
38 वर्ष तक सेना में विभिन्न पदों व स्थानों में काम करते हुए लेफ्रिटनेंट कर्नल के पद से सेवानिवृत्त। अपने सेवा काल में पर्वतीय क्षेत्र के लगभग 50 नौजवानों को सेना में भर्ती हेतु तैयार किया। उन्हें भर्ती कराना ही जीवन की उपलब्धि समझें।
Read More