हेम चन्द्र काण्डपाल

हेम चन्द्र काण्डपाल (Hem Chandra Kandpal)

(माताः श्रीमती पद्मा काण्डपाल, पिताः श्री मथुरा दत्त काण्डपाल)

जन्मतिथि : 16 नवम्बर 1954

जन्म स्थान : अल्मोड़ा

पैतृक गाँव : मटेला (सतराली) जिला : अल्मोड़ा

वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 2 पुत्रियाँ

शिक्षा : पीएच.डी. (भौतिक विज्ञान)

प्राइमरी- प्रा.पाठशाला ब्रेसाइड, नैनीताल

जूनियर- नगरपालिका जू.हा.स्कू. नैनीताल

हाईस्कूल/इंटर- सी.आर.एस.टी. इंटर कालेज, नैनीताल

बी.एस.सी./एम.एससी./पीएच.डी.- डी.एस.बी. कालेज, नैनीताल

जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः बी.एससी. प्रथम वर्ष में परिस्थितिवश घर से भागना ही कठिनाइयों से जूझने का संबल बना।

प्रमुख उपलब्धियां : राचेस्टर यूनीवर्सिटी, न्यूयार्क (अमेरिका) के विश्वविख्यात वैज्ञानिक प्रो. एमिल वुल्फ द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत जो ‘वुल्फ प्रभाव’ (प्रकाश संचरण में व्युत्पन्न सम्बद्धता के कारण वर्णक्रम विस्थापन जो डाप्लर प्रभाव व गुरुत्वाकर्षण प्रभाव से उत्पन्न वर्णक्रम विस्थापन से पूर्णतया भिन्न है) के नाम से विख्यात है, का प्रायोगिक सत्यापन किया तथा इनके उपयोगों का पता लगाया। उदाहरण के लिए सितारों के एंग्यूलर डायामीटर्स निकालने की नयी विधि तथा हाल ही में वुल्फ प्रभाव का क्वाजार-गैलैक्सी युग्म द्वारा प्रदर्शित अभिरक्त विस्थापन विवाद को सुलझाने के लिए विश्व में किया गया प्रथम प्रयोग आदि। इसके अतिरिक्त विभिन्न राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में 70 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित। 1990 में सी.एस.आई.आर. द्वारा युवा वैज्ञानिक पुरस्कार प्रदान किया गया।

युवाओं के नाम संदेशः ‘दैवायत्तम् कुलेजन्मः मदयत्तम् तु पौरुषम्’- जीवन में स्वयं भी इस सिद्धांत का पालन किया है तथा युवाओं को यही संदेश है कि परिस्थितियां कैसी भी हों, पुरुषार्थ से ही जीवन सफल बनाया जा सकता है।

विशेषज्ञता : भौतिकी, गुरुत्वाकर्षण।

 

नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है.

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