मोहन चन्द तिवारी (Mohan Chand Tewari)
(माताः श्रीमती तुलसी देवी, पिताः श्री धनी राम तिवारी )
जन्मतिथि : 10 नवम्बर 1948
जन्म स्थान : अल्मोड़ा
पैतृक गाँव : जोयूं सुरई ग्वेल जिला : अल्मोड़ा
वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 2 पुत्र, 2 पुत्रियाँ
शिक्षा : पीएच.डी.
हायर सेकेन्ड्री- सी.बी.एस.ई., दिल्ली
बी.ए. ऑनर्स (संस्कृत)- दिल्ली विश्वविद्यालय
एम.ए. (संस्कृत)- दिल्ली विश्वविद्यालय
पीएच.डी.- दिल्ली विश्वविद्यालय
जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः उत्तराखण्ड के ऐतिहासिक मंदिरों और वहां की ऐतिहासिक धरोहर के प्रति लोगों की अज्ञानता और उदासीनता को देखकर इस दिशा में कार्य करने की इच्छा जागृत हुई।
प्रमुख उपलब्धियां : अब तक प्राच्य विद्या, इतिहास तथा संस्कृति से सम्बंधित छः पुस्तकें तथा सौ से भी अधिक शोधलेखों का राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन। दिल्ली संस्कृत अकादमी द्वारा ‘संस्कृत शिक्षक’ पुरस्कार। ‘विद्या रत्न सम्मान’। ‘आचार्य रत्न देशभूषण सम्मान’। राष्ट्रपति सम्मान। सामाजिक संस्था बाल सहयोग’ की प्रबंध समिति का सदस्य। दिल्ली संस्कृत अकादमी की कार्यकारिणी का सदस्य।
युवाओं के नाम संदेशः उत्तराखण्ड के लोगों, खासकर शिक्षित युवकों को अपने देश की आंचलिक संस्कृति, भाषा, साहित्य के उन्नयन हेतु विशेष प्रयत्नशील होना चाहिए। उत्तराखण्ड में अपने क्षेत्र की संस्कृति तथा साहित्य के पठन-पाठन की रुचि में जो उत्तरोत्तर ह्रास हो रहा है, वह अच्छी प्रवृत्ति नहीं है।
विशेषज्ञता : संस्कृति, साहित्य, इतिहास, लेखन।
नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।