सुरेश नौटियाल

सुरेश नौटियाल (Suresh Nauiyal)

(माताः श्रीमती आनंदी, पिताः श्री चैतराम नौटियाल)

जन्मतिथि : 29 अप्रैल 1956 जन्म स्थान : उंचर

पैतृक गाँव : उंचर, इडवालस्यूँ जिला : गढ़वाल

वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 1 पुत्र, 1 पुत्री

शिक्षा : बी.ए., अंग्रेजी ऑनर्स

प्राथमिक शिक्षा- आधारिक विद्यालय पिसोली (गढ़वाल)

हायर सेकेन्डरी- प्रेसीडेंट्स एस्टेट स्कूल, दिल्ली

बी.ए. (अंग्रेजी, आनर्स)- दयालसिंह कालेज, दिल्ली विश्वविद्यालय

एम.ए. (अंग्रेजी)- अधूरा, दिल्ली विश्वविद्यालय से

पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा- भारतीय विद्या भवन

पार्लियामेंटरी फेलोशिप- इंस्टीट्यूट आफ कांस्टीट्यूशनल एंड पार्लियामेंटरी स्टडीज, दिल्ली

जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः 1974 में उत्तराखण्ड आंदोलनकारियों भवानंद शर्मा बलूणी, प्रताप सिंह बिष्ट और मथुराप्रसाद बमराड़ा के संपर्क में आने पर आंदोलन की सही जानकारी मिली। तब से निरंतर उत्तराखण्ड के लिए समर्पण। यही जीवन का सबसे सार्थक और महत्वपूर्ण मोड़ था।

प्रमुख उपलब्धियाँ : उपलब्धि अभी हासिल नहीं की। उत्तराखण्ड साधन-सम्पन्न खुशहाल और सपनों का उत्तराखण्ड बनेगा तभी अपनी कुछ उपलब्धि मानूंगा। ‘द हाई हिलर्स ग्रुप’ की स्थापना की। उत्तराखण्ड आंदोलन में सक्रिय भागीदारी। 1984 में ‘प्रतिपक्ष’ साप्ताहिक में उप-संपादक। 1985 में यूएनआई समाचार एजेंसी में प्रशिक्षु पत्रकार के तौर पर शामिल। 1993 में वरिष्ठ उपसंपादक के तौर पर छोड़ा। 1994 में ‘द ऑब्जर्वर ऑफ बिजनेस एंड पॉलिटिक्स’ अंग्रेजी दैनिक में संवाददाता से शुरुआत और 2000 के अंत में विशेष संवाददाता रहते हुए नौकरी त्यागी। ‘उत्तराखण्ड प्रभात’ पाक्षिक समाचार-पत्र के संपादक व दिल्ली में पहाड़ी पत्रकारों के संगठन उत्तराखण्ड पत्रकार परिषद के महासचिव।

युवाओं के नाम संदेशः लगन, मेहनत, ईमानदारी, आस्था, विश्वास, दृढ़ संकल्प, कल्पना, प्रेरणा के साथ निरंतर कार्य करते रहें। सफलता अवश्य मिलेगी। सफलता के बाद अपनी जड़ों को न भूलें।

विशेषज्ञता : पत्रकारिता, उत्तराखण्ड के विविध पक्ष।

 

 

नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।

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