सुरेन्द्र सिंह पांगती (Surendra Singh Pangti)
(माताः श्रीमती प्रतिमा पांगती, पिताः स्व. त्रिलोक सिंह पांगती)
जन्मतिथि : 1 जनवरी 1940
जन्म स्थान : मुनस्यारी
पैतृक गाँव : मिलम जिला : पिथौरागढ़
वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 2 पुत्र, 1 पुत्री
शिक्षा : प्राइमरी शिक्षा- मिलम, मिलकुटिया (मुनस्यारी),
कवाधार (मुनस्यारी)
हाईस्कूल- कपकोट हाईस्कूल
इण्टर- जी.आई.सी., अल्मोड़ा
बी.ए.- अल्मोड़ा कालेज
जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः न आशा थी, न इच्छा, न ही जानकारी, पर 1963 में गया फौज में ही। 1968 में आई.पी.एस. में फिर 1969 में आई.ए.एस. में। यही मेरे जीवन के महत्वपूर्ण मोड़ हैं।
प्रमुख उपलब्धियाँ : उत्तराखण्ड का अधिकतम भ्रमण। 1976 में सिक्किम में भूमि बन्दोबस्त कराया। यह पहला भारतीय राज्य था जहाँ मूल सर्वे मैट्रिक स्केल में किया गया। औली में हिमक्रीड़ा संस्थान की स्थापना। भिलंगना, खतलिंग क्षेत्र को पर्यटकों के लिए खोलना। छोटा कैलास की यात्रा को प्रमुखता देना। थोड़ा बहुत मौलिक लेखन भी किया। कुछेक लेखों के अलावा एक पुस्तिका ‘उत्तराखण्ड या उत्तरांचलः कितना सच-कितना छल’। का प्रकाशन।
युवाओं के नाम संदेशः अपने क्षेत्र की जानकारी प्राप्त करें और संभावनाओं को पहचानें। वही आपको हर दिशा में सफल बनाने के लिए पर्याप्त है। इसकी अभी कमी है।
विशेषज्ञता : प्रशासन, पर्वतारोहण, पर्यटन विकास, लेखन।
नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।
Hi Sir,
How are you and hope you are in your pink health and wish you best of luck.
we went togather in pawalikantha(tehri) hope you remenber me 🙂
Narender Kandwal (Dehradun)