हीरा सिंह राणा

हीरा सिंह राणा (Heera Singh Rana)

(माताः स्व. नारंगी देवी, पिताः स्व. मोहन सिंह )

जन्मतिथि : 16 सितम्बर 1942

जन्म स्थान : मानिला (डढोली)

पैतृक गाँव : डढ़ोली जिला : अल्मोड़ा

वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 1 पुत्र, 1 पुत्री

शिक्षा : प्राथमिक- प्राइमरी स्कूल, मानिला

हाईस्कूल- मानिला

हायर सेकेन्ड्री- दिल्ली

जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः सेल्समैन की नौकरी छोड़कर संगीत की स्कालरशिप लेकर कलकत्ता गया। नौकरी छूटी पर संगीत के संसार में पहुँच गया। 1965 में गीत नाटक प्रभाग में रहा।

प्रमुख उपलब्धियाँ : उत्तराखण्ड के कलाकारों का ट्रूप नवयुवक केन्द्र ताड़ीखेत 1974। हिमांगन कला संगम दिल्ली 1992. पहले ज्योली बुरूँश (1971), मानिला डांडी (1985), मनख्यू पड़यौव में (1987) कैसेट-6 ‘रंगिली बिन्दी, रंगदार मुखड़ि’ ‘सौमनो की चोरा, ढाई विसी बरस हाई कमाला’, ‘आहा रे जमाना’।

युवाओं के नाम संदेशः अपनी लोक संस्कृति हेतु जागरूक रहना है। साहित्यिक कृतियों को लें। हमारी संस्कृति मुखरित हो। सरकारों के अलावा भी संस्थाएँ बनें। गीत-संगीतकारों को आगे लाएँ।

विशेषज्ञता : गायन।

नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।

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