खड्ग सिंह वल्दिया (Khadg Singh Waldia)
(माताः श्रीमती नन्दा वल्दिया, पिताः स्व. देव सिंह वल्दिया)
जन्मतिथि : 20 मार्च 1937
जन्म स्थान : कलौ (म्योमार)
पैतृक गाँव : घंटाकरण जिला : पिथौरागढ़
वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 1 पुत्र
शिक्षा : एम.एससी., पीएच.डी.
जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः 1
प्रमुख उपलब्धियाँ : 1965-66 में अमेरिका के जान हापकिन्स विश्वविद्यालय के ‘पोस्ट डाक्टरल’अध्ययन और फुलब्राइट फैलो। 1969 तक लखनऊ वि.वि. में प्रवक्ता। राजस्थान वि.वि., जयपुर में रीडर। 1973-76 तक वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियॉलॉजी में वरिष्ट वैज्ञानिक अधिकारी। 1976 से 1995 तक कुमाऊँ विश्वविद्यालय में विभिन्न पदों पर रहे। 1981 में कुमाऊँ वि.वि के कुलपति तथा 1984 और 1992 में कार्यवाहक कुलपति रहे। 1995 से जवाहरलाल नेहरू सेन्टर फार एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च केन्द्र बंगलौर में प्रोफेसर हैं। मध्य हिमालय की भूवैज्ञानिक संरचना से सम्बन्धित अनेक महत्वपूर्ण अध्ययनों के अध्येता। उल्लेखनीय कार्य के लिए 1976 में ‘शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार’ से सम्मानित। जियॉलाजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा ‘रामाराव गोल्ड मैडल’। 1977-78 में यू.जी.सी. द्वारा राष्ट्रीय प्रवक्ता सम्मान। राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी द्वारा ‘एस.के. मित्रा एवार्ड’ और डी.एन. वाडिया मैडल। 1997 में भारत सरकार द्वारा ‘नेशनल मिनरल अवार्ड एक्सीलेंस’। दो दर्जन से अधिक विशेषज्ञों की राष्ट्रीय समितियों, परिषदों, कमंटियों के सदस्य हैं। 1983 में प्रधानमंत्री की वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्य और योजना आयोग की अनेक उप समितियों के सदस्य रहे। 2 फरवरी से 2003 इन्सा के राष्ट्रीय प्रोफेसर।
युवाओं के नाम संदेशः मुश्किलों का मुकाबला करना जिन्दगी का हौसला है।
विशेषज्ञता : भूगर्भविद्, वैज्ञानिक, शोध, लेखन।
नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।