राजिव रावत

राजिव रावत (Rajiv Rawat)

(माताः श्रीमती नन्दा देवी बिष्ट, पिताः श्री सुधीर रावत)

जन्मतिथि : 6 जुलाई 1974

जन्म स्थान : देहरादून

पैतृक गाँव : बन्दुन जिला : पौड़ी गढ़वाल

वैवाहिक स्थिति : अविवाहित

शिक्षा : जीव विज्ञान में डिग्री- कॉरनेल विश्वविद्यालय, अमेरिका

जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः यद्यपि 1994 की घटनाओं ने विदेशों में रह रहे उत्तराखण्डियों में एक नयी चेतना और आत्मानुभूति पैदा की, लेकिन अपनी पहचान के लिए दिलचस्पी उनमें 1996 और 97 में इंटरनेट के जरिए अभिव्यक्त हो सकी। उत्तराखण्ड के संघर्ष को संकलित करने के लिए उत्तराखण्ड की वेब साइट uttarakhand.org नेट पर उतारी गयी। अपने तरह की इस अकेली साइट ने उत्तराखण्डी जीवन सामाजिक, पर्यावरणीय, भौगोलिक, आर्थिक और राजनीतिक पक्षों के विस्तार से सामने लाने के अलावा आंदोलन की आकांक्षाओं के समर्थन में निर्धारित राजनीतिक भूमिका निभाई।

प्रमुख उपलब्धियाँ : उपरोक्त काम एक ऐसे प्रवासी के द्वारा किया गया जिसकी पिछली पीढ़ियां पौड़ी गढ़वाल के अपने गाँव से देहरादून और 70 के दशक के मध्य में कनाडा आकर बस गयीं। राजिव रावत इस नये देश के समर्पित नागरिक की तरह जवान हुआ। यद्यपि एक वर्ष की आयु में विदेश चले जाने के बावजूद मेरा अपने देश और खास तौर पर पहाड़ों की गोद से नाता बना रहा। अमेरिका के कॉरनेल विश्वविद्यालय से जीव विज्ञान में डिग्री लेने के बाद मैं उत्तर अमेरिका के सामाजिक व पर्यावरणीय आंदोलनों से जुड़ाव बना रहा। मेरी अनेक रुचियां उत्तराखण्ड के लक्ष्य में एकाकार हो गयीं। वर्ष 1997 से 2000 में उत्तराखण्ड राज्य प्राप्ति तक मैं एक गैर-पार्टी राजनीतिक समूह ‘उत्तराखण्ड सपोर्ट कमिटी’ का सचिव रहा। अमेरिकी और कनेडियाई उत्तराखण्डियों में सक्रिय यह संगठन उत्तराखण्ड की वेब साइट चलाती थी, एक न्यूज लेटर निकालती थी और अपने उद्देश्य के लिए जागरूकता अभियान चलाती थी। राज्य गठन के बाद मुझे ‘उत्तराखण्ड एसोसिएशन आफ नॉर्थ अमेरिका’ के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स में शामिल किया गया। इसके सबसे कम उम्र के तथा प्रवासी उत्तराखंडियों की दूसरी पीढ़ी का सदस्य हूँ।

मेरी अन्य रुचियों में वैश्विक न्याय के लिए चलने वाले अनेक स्थानीय व अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष हैं और जुबली यूएसए नेकवर्क तथा बोस्टन एक्शन नेटवर्क जैसी संस्थाओं का महत्वपूर्ण सदस्य हूँ मैं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे पर्यावरण क्षरण, मानवाधिकारों की अवहेलना, एड्स प्रतिरोध में कोताही तथा नवउदार आर्थिक नीतियों के विरोध में भी सक्रिय हूँ। जमीनी संघर्षों के अलावा मैं इनको 21वीं सदी में जारी रखने के लिए स्वतंत्र पत्रकारिता भी करता हूँ।

युवाओं के नाम संदेशः निःस्वार्थ सेवा का आदर्श कायम रखें। हमारी पहचान कायम रहे, हमारे सपनों के प्रगतिशील उत्तराखण्ड के निर्माण हेतु निरन्तर संघर्षरत रहें।

विशेषज्ञता : सक्रिय कार्यकर्ता, प्रवासी संगठन, पर्यावरण, लेखन, सम्पादन, जन आन्दोलन।

नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।

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