बसन्त तरियाल

बसन्त तरियाल (Basant Tariyal)

(माताः श्रीमती सरस्वती तरियाल, पिता श्री बचन सिंह तरियाल )

जन्मतिथि : 28 फरवरी 1943

जन्म स्थान : तारी, बनेल्यूं

पैतृक गाँव : तारी जिला : पौड़ी

वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 2 पुत्र, 1 पुत्री

शिक्षा : पीएच.डी., बीएस.सी., आई.आई.टी. खड़कपुर से

जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः 1. देहरादून से इण्टर पास करने के उपरान्त परिवारजनों के विरोध के बावजूद लखनऊ वि.वि. में प्रवेश। 1957 में तत्कालीन पुलिस महानिदेशक (सेवानिवृत्त) श्री महेश द्विवेदी से यह सुनना कि मैं जो भी चाहूँ बन सकता हूँ।

2. आई.आई.टी., खड़गपुर में अध्ययन के दौरान श्रीमद्भगवद गीता भी पढ़ने को मिली। तब से आज तक भगवान श्रीकृष्ण मेरे अभिनेता, प्रेरक और मार्गदर्शक रहे हैं। यही बात है, जो मुझे एक सामान्य परिवार में जन्म लेने पर दुनिया की इतनी बड़ी कम्पनियों में उच्च पदों तक ले गयी।

प्रमुख उपलब्धियां : ल्यूसेन्ट टैक्नोलॉजी विश्व की सर्वश्रेष्ठ संचार कम्पनी के उच्च तकनीकी पद पर पहुँचा। भारत में टाटा लूसेन्ट कम्पनी तथा अनेक बड़ी कम्पनियों के निदेशक व सलाहकार। संचार प्रणाली-आप्टिक फाइवर के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां। 25 से अधिक लेख, अन्तर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। सम्प्रतिः विश्वस्तरीय संचार कम्पनियों के विशेष सलाहकार एवं विशेषज्ञ।

युवाओं के नाम संदेशः आप दुनिया में श्रेष्ठ हैं। आपकी एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक धरोहर है। आप जो चाहे, कर सकते हैं। मेहनत से लक्ष्य साधते हुए तीव्र इच्छा शक्ति से इसे हासिल करें। बिना किसी भय, स्वयं पर विश्वास कर आगे बढ़े। अपने लोगों को कभी नहीं भूलें, चाहे आप कहीं भी हों। मैं पिछले 36 वर्षों से अमरीका में बसा हूँ मगर घर में गढ़वाली बोली जाती है।

विशेषज्ञता : संचार टैक्नोलाजी, शोध्, लेखन।

 

 

नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।

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