The Satirical poetry, as its name suggest, is the art of writing poems which echoes the feeling of satire. Satire is often strictly defined as a literary genre or form; although, in practice, it is also found in the graphic and performing arts. In satire, human or individual vices, follies, abuses, or shortcomings are held up to censure by means of ridicule, derision, burlesque, irony, or other methods, ideally with the intent to bring about improvement (Reference: Wikipedia). In Garhwali literature too the Satirical poems exist. There are various poets…
Read MoreCategory: साहित्य
Talents in the field of Literature (साहित्य के क्षेत्र से जुड़ी हुई प्रतिभायें)
नन्द किशोर हटवाल
प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां, कविताएं, लेख, फीचर, लघु- कथाएं, नाटक, बाल कथाएं, व्यंग्य व गढ़वाल की कई अनछुई लोक परम्पराओं पर लेखन और प्रकाशन, गढ़वाल के चांचरी नृत्यगीतों पर शोधकार्य तथा लोकगीतों, कथाओं, मांगल, जागर, रांसे, बगड्वाली, ढोल के ताल, रम्वाण, महाभारत आदि आडियो संग्रह, गढ़वाल की लोक संस्कृति पर 100 से अधिक रेखांकनों की रचना व प्रकाशन; लोक संस्कृति से सम्बद्ध तीन वीडियो फिल्मों का निर्माण, अनेक छोटे-बड़े पुरस्कारों व सम्मानों से सम्मानित।
Read Moreश्रीकृष्ण सेमवाल
संस्कृत साहित्य के अधिकारिक लेखक, कुशल अध्यापक, सम्पादक और पत्रकार। उत्कृष्ट साहित्य सृजन के लिए सम्मानित एवं पुरस्कृत।1987 से दिल्ली संस्कृत अकादमी में सचिव पद पर कार्यरत। कई पत्र-पत्रिकाओं का अवैतनिक संपादन किया। कवि सम्मेलनों एवं संगोष्ठियों में कवि और वक्ता के रूप में आपकी अलग पहचान है।
Read Moreकेशवदत्त रुवाली
‘कुमाउँनी हिंदी व्युत्पत्ति कोश’ तथा ‘मानक कुमाउँनी शब्द सम्पदा’ का अपने निजी प्रयास से प्रणयन एवं प्रकाशन. 50 से अधिक ग्रंथों व शोधपत्रों का लेखन। कुमाऊँ विश्वविद्यालय में हिन्दी विभागाध्यक्ष तथा अल्मोड़ा परिसर निदेशक के पद पर कार्य किया।
Read Moreमुनिराम सकलानी ‘मुनीद्र’
अब तक विविध विषयों में पाँच मौलिक पुस्तकें लिखीं एवं अनुदित की।नगर राजभाषा कार्यान्वयन पुरस्कार तथा केन्द्रीय सचिवालय हिन्दी परिषद पुरस्कार प्राप्त किए। उत्तराखण्ड शोध संस्थान द्वारा 1999 में ‘साहित्य एवं पत्रकारिता’ के लिए सम्मानित। अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित।
Read Moreउनीता सच्चिदानन्दन
1983 में सी.डी.आर.आई. में वैज्ञानिक बी. की नौकरी। मारुति उद्योग में द्विभाषी के तौर पर 1983-86 तक कार्य। 1986 से अब तक दिल्ली विश्वविद्यालय में जापानी भाषा एवं साहित्य में प्राध्यापिका। 1990-92तक जापान सरकार से छात्रवृत्ति पर शोध अध्ययन। 1999 में जापान फाउण्डेशन फैलोशिप के अन्तर्गत महिला साहित्य पर शोध। दो दर्जन शोध लेख विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित। 15 पुस्तकों का जापानी से हिन्दी में अनुवाद।
Read Moreरमेश चंद्र शाह
पांच कविता संग्रह, छः उपन्यास, चार कहानी संग्रह, छः निबंध संग्रह एवं सात अलोचना पुस्तकों समेत लगभग चालीस ग्रंथ प्रकाशित। अंग्रेजी में भी तीन ग्रंथ प्रकाशित।म.प्र. संस्कृति विभाग का शिखर सम्मान, भारतीय भाषा परिषद, कलकत्ता तथा म.प्र. साहित्य परिषद द्वारा सम्मानित, उ.प्र. हिन्दी संस्थान से महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार तथा ‘व्यास सम्मान’ से विभूषित। भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद के तत्वावधान में तीन यूरोपीय देशों की यात्राएं व काव्य पाठ किए, टेमेनोस अकादमी, लंदन द्वारा व्याख्यान हेतु आमंत्रित। भोपाल स्थित निराला सृजनपीठ के निदेशक पद पर 1997 से 2000 तक कार्य किया।
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