पवन कुमार गुप्ता (Pawan Kumar Gupta)
(माताः स्व. इन्दिरा बायनवाला, पिताः स्व. बृजमोहन गुप्ता)
जन्मतिथि : 6 अगस्त 1953
जन्म स्थान : कलकत्ता
वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 2 पुत्र
शिक्षा : बी.टेक.
कक्षा 1 से 11 तक- हिन्दी हाईस्कूल कलकत्ता (प्रथम श्रेणी)
बी.टेक.- आई.आई.टी., दिल्ली
जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः 1984 में किया बौद्ध परम्परा से निकला विपश्यना ध्यान शिविर एवं लोहिया-गांधी का साहित्य।
प्रमुख उपलब्धियां : 1976 के बाद लगभग 11-12 साल उद्योग/व्यापार करने के बाद 1989 से सामाजिक कार्य। ‘सिद्ध’ संस्था की स्थापना। शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रयोग। लेखन (जनसत्ता के लिए नियमित रूप में)। हिमालय रैबार नामक पत्रिका का पिछले 9 सालों से सम्पादन। युवाओं के बीच विचार देने/बनाने का काम।
युवाओं के नाम संदेशः अपने विगत को समझ कर, अपनी दृष्टि को पहचान कर, अपनी विशिष्ट नवीनता की खोज करें, नकल नहीं। ‘विकास’ का सारे विश्व और देश में भी एक माडल नहीं हुआ करता। अपनी परिस्थिति और अस्मिता के आधार पर ही अपना विकास करें।
विशेषज्ञता : शिक्षा, विकास, विपश्यना, उद्यमिता।
नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है.