सच्चिदानन्द भारती

सच्चिदानन्द भारती (Sachidanand Bhartee)

(माताः श्रीमती बसन्ती देवी, पिताः श्री शाकम्भर दत्त ढौढियाल)

जन्म तिथि : 5 नवम्बर 1955 जन्म स्थान : गाडखर्क

पैतृक गाँव : गाडखर्क जिला : पौड़ी

वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 1 पुत्र, 2 पुत्री

शिक्षा : एम.ए., बी. एड.

जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः 1973-74 में चिपको आन्दोलन से जुड़ना।

प्रमुख उपलब्धियाँ : चिपको जैसे सामाजिक तथा पर्यावरण आन्दोलन के कार्यकर्ता, दूधातोली लोक विकास संस्थान, बिनसर मंदिर समिति, चन्द्र सिंह गढ़वाली स्मारक निर्माण समिति के संस्थापक- संयोजक। कीनिया की संस्था इन्वायरनमेन्टल लियाजो सेन्टर द्वारा ‘संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सेवक’ पुरस्कार। उफरैखाल क्षेत्र में वन एवं जल संरक्षण का अनूठा प्रयोग जिसने एक सूखी जलधारा के प्राण लौटा दिए। ‘जल तलाई’ नाम से चर्चित यह अभियान वर्षा जल संग्रहण के द्वारा उफरैखाल और आस पास के गांवों के जलस्रोतों का पुनर्संभरण कर सका है। वन एवं जल संरक्षण के बाद ‘ग्राम देवता’ अभियान के तहत श्रमदान द्वारा गांवों में सामूहिकता का चेतना वापस लौटाने का प्रयास।1981 में ‘बदरीकाश्रम’ नामक पुस्तक का प्रकाशन।

युवाओं के नाम संदेशः आपके घर को बचाने और सॅवारने कोई और नहीं आयेगा। कहीं भी जायेें और कितनी ही ऊँचाई प्राप्त करें, पर अपनी मिट्टी को कभी न भूलेें।

विशेषज्ञता : शिक्षा, ग्रामीण विकास, जल प्रबन्धन, पर्यावरण संरक्षण।

नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।

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