एहसान बख़्श (Ahsan Bakhsh)

कुमाऊं विश्वविद्यालय में बी.एड. परीक्षा में स्वर्णपदक; ग्रामीण क्षेत्र में तीन वर्ष तक अध्यापन कार्य; भारत सरकार के संस्कृति विभाग से जूनियर फैलोशिप; ‘पिथौरागढ़-कैलास मानसरोवर यात्रा पथ’ पुस्तक का लेखन; ‘न्यौली’ सांस्कृतिक समाचार पत्र का संपादन; अग्रणी हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं में लेखन; राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमंडल के साथ देश के प्रमुख नाट्य समारोहों में भागीदारी, देश-विदेश के नाट्य निर्देशकों के साथ कार्य।

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रमेश चन्द्र फुलोरिया

भारत, ईराक व सोवियत यूनियन की पेट्रोलियम जियोलॉजी का गहन अध्ययन जिसके परिणामस्वरूप नये तेल-गैस क्षेत्रों का पता लगा। भारत सरकार के नेशनल मिनरल अवार्ड द्वारा सम्मानित। डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय (असम) में अप्लाइड जियोलॉजी तथा पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी विभागों का गठन।

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देव सिंह पोखरिया

कुमाउँनी लोक साहित्य व संस्कृति पर विश्वविद्यालय स्तरीय पुस्तकों का लेखन। अब तक एक उपन्यास व दो कविता संग्रहों सहित 25 पुस्तकों की रचना की है। 100 से अधिक निबंध व शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं। विविध आकाशवाणी केन्द्रों से 100 से अधिक कविताएँ. कहानियाँ अथवा वार्ताएं प्रसारित। हिन्दी काव्य के छन्दशास्त्र में विशेषज्ञता। कई समितियों में विशेषज्ञ व सलाहकार। विगत 28 वर्षों के अध्यापन काल में 15 छात्रों का शोध-निर्देशन किया, 3 शोध परियोजनाएं पूर्ण कीं। 4 पत्रिकाओं का सम्पादन, 4 राष्ट्रीय गोष्ठियों का आयोजन, 3 अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में भागीदारी। उ.प्र. हिंदी संस्थान द्वारा पुरस्कृत।

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सच्चिदानन्द पैन्यूली

आजादी के बाद पाकिस्तान के आए शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए सोनीपत में कार्य किया; अनेक राष्ट्रीय नेताओं का सानिध्य; टिहरी बांध विस्थापितों के पुनर्वास हेतु संघर्ष।

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आदित्य नारायण पुरोहित

वनस्पति विज्ञान तथा उच्च हिमालयी औषधि पौधों पर विशिष्ट काम। पंजाब वि.वि., चण्डीगढ़ में वनस्पति विज्ञान विभाग में शोध अधिकारी रहे। नॉर्थ ईस्ट हिल यूनिवर्सिटी, शिलांग तथा गढ़वाल वि.वि. में अध्यापन। गोविन्द बल्लभ पंत हिमालयी पर्यावरण तथा विकास संस्थान के निदेशक तथा कोसी-कटारमल स्थित परिसर के निर्माता। गढ़वाल वि.वि., श्रीनगर में हाई एल्टिट्यूड प्लांट फिजियोलॉजी रिसर्च लैबोरेट्री तथा तुंगनाथ में फील्ड स्टेशन की स्थापना। इंस्टीट्यूट आफ बायलौजी, लन्दन के निर्वाचित सदस्य हैं। गढ़वाल वि.वि. के कार्यवाहक कुलपति भी रहे। ‘इन्टरनेशनल जर्नल आफ सस्टेनेबिल फारेस्ट्री’ के सम्पादक मण्डल के सदस्य हैं। अनेक शोध पत्र तथा पुस्तकों के लेखक। कई संस्थानों के सदस्य, विशेषज्ञ सदस्य, संयोजक और अध्यक्ष हैं। आपको एफ.एन.ए. का सम्मान भी मिला है।

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लोकमान एस. पालनी

प्रवक्ता, कुमाऊँ विश्वविद्यालयऋ पोस्ट डाक्टोरल फैलो एवं फैकल्टी मेम्बर, आस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी, आस्ट्रेलिया; संस्थापक अध्यक्ष, बायोटैक्नोलॉजी डिविजन, सी.एस.आई.आर. कॉम्प्लेक्स, पालमपुर (हि.प्र.) संस्थापक अध्यक्ष, इनवायरनमेंटल फिजियोलॉजी एण्ड बायोटेक्नोलॉजी, प्रभारी निदेशक तथा निदेशक, गो.ब. पन्त हिमालयी पर्यावरण एवं विकास संस्थान, कोसी (अल्मोड़ा)

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